राहुल गांधी ने खुद को जन्म के समय गोद में उठाने वाली नर्स राजम्मा को लगाया गले

लोकसभा चुनाव के दौरान जब विपक्षी दलों द्वारा राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल खड़े किये जा रहे थे, तो राहुल के जन्म की गवाही देने के लिए यही रिटायर नर्स राजम्मा वावथिल सबके सामने आकर बोली थीं, कि राहुल के जन्म के वक्त वे मौजूद थी।

फोटो: सेशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन लोगों को धन्यवाद देने के लिए कझिकोड में अपने समर्थकों के साथ एक रोड शो किया। रैली से कुछ समय पहले राहुल गांधी राजम्मा नाम की एक रिटायर्ड नर्स से मिले। ये वो ही नर्स हैं जो आज से ठीक 49 साल पहले दिल्ली के एक अस्पताल में राहुल गांधी के जन्म के समय उस अस्पताल में काम करती थीं और उन्होंने ही राहुल गांधी को नवजात शिशु के तौर पर अपनी गोद में उठाया था।

रैली से पहले राहुल ने सेवानिवृत्त नर्स राजम्मा ववाथिल को हाथ पकड़कर गले लगाया और उनके परिजनों से मुलाकात की। ये सभी लोग यहां स्थित एक अतिथि गृह में राहुल से मिलने आए थे। अपने दौरे के आखिरी दिन व्यस्तता के बावजूद राहुल गांधी ने राजम्मा के पति, नाती-पोतों सहित पूरे परिवार के लिए समय निकाला। उन्होंने राजम्मा के रिश्तेदारों और कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ फोटो भी खिंचवाई। इन लोगों को राहुल से मिलने के लिए बड़ी देर तक इंतजार करना पड़ा।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान जब विपक्षी दलों द्वारा राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल खड़े किये जा रहे थे, तो राहुल के जन्म की गवाही देने के लिए यही रिटायर नर्स राजम्मा वावथिल सबके सामने आकर बोली थीं, कि राहुल के जन्म के वक्त वे मौजूद थी।


कौन हैं राजम्मा

दिल्ली के होली फैमिली अस्पताल से नर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजम्मा भारतीय सेना में नर्स के तौर पर शामिल हुई। 19 जून, 1970 को राहुल के जन्म के दौरान वह ड्यूटी पर मौजूद थीं। राजम्मा ने उम्मीद जताई थी राहुल गांधी जब अगली बार वायनाड आएंगे तो वह उनसे मिल पाएंगी। उनका यह इंतजार खत्म हो गया। राहुल गांधी उनसे मिले और उन्हें मां की तरह गले लगाया।

राहुल की नागरिकता पर उठे सवालों का खंडन करते हुए राजम्मा ने कहा था, ‘एक भारतीय नागरिक के तौर पर राहुल गांधी की पहचान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है। अस्पताल में राहुल गांधी के जन्म के बारे में सभी रिकॉर्ड मौजूद होंगे। मैंने नन्हे राहुल को पहली बार अपने हाथों में उठाया था। 'मैं खुशनसीब थी, क्योंकि नवजात राहुल को अपनी गोद में उठाने वाले लोगों में मैं पहली थी। मैं उनके जन्म की गवाह रही हूं। मैं बेहद उत्साहित थी, इंदिरा गांधी के पोते को देखकर हम सभी बहुत उत्साहित थे।’

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