मुंबई अटैक के शहीदों को राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि, बोले- हिंसा के खिलाफ भारत हमेशा निडर खड़ा रहा है और खड़ा रहेगा

राहुल गांधी ने कहा कि भारत की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सैनिक देश का गौरव हैं। मुंबई 26/11 के आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवानों और आम नागरिकों को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

26/11 मुंबई आतंकी हमले की आज 14वीं बरसी है। पूरा देश उन शहीदों को याद कर रहा है, जिन्होंने मुंबई पर आई आफत के दौरान आतंकियों से लोहा लिया था और शहीद हो गए थे। इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुंबई हमले में शहीद होने वाले जवानों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “भारत की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सैनिक देश का गौरव हैं। मुंबई 26/11 के आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवानों और आम नागरिकों को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। हिंदुस्तान हमेशा डर और हिंसा के ख़िलाफ़ निडर खड़ा रहा है, और आगे भी रहेगा।”


26 नवंबर 2008 को मुंबई में क्या हुआ था?

26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 ज्यादा घायल हुए थे। पुलिस को रात के 9:30 बजे छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनल पर गोलीबारी की खबर मिली। बताया गया कि यहां रेलवे स्टेशन के मुख्य हॉल में दो हमलावरों ने अंधाधुंध गोलीबारी की है। इन हमलावरों में एक मोहम्मद अजमल कसाब था, जिसे फांसी दी जा चुकी है। दोनों हमलावरों ने एके47 राइफलों से 15 मिनट गोलीबारी कर 52 लोगों को मौत के घाट उतार दिया और 100 से ज्यादा लोगों को घायल कर दिया था।

आतंकियों की गोलीबारी सिर्फ शिवाजी टर्मिनल तक सीमित नहीं रही थी। दक्षिणी मुंबई का लियोपोल्ट कैफे को भी आतंकियों ने निशानाया। यहां हुई गोलीबारी में मारे गए 10 लोगों में कई विदेशी भी शामिल थे। साल 1871 से मेहमानों की खातिरदारी कर रहे इस कैफे की दीवारों में धंसी गोलियां हमले के निशान छोड़ गईं।

इसके बाद रात 10.30 बजे खबर आई कि विले पारले इलाके में एक टैक्सी को बम से उड़ा दिया गया है। इसमेंड्राइवर और एक यात्री मारा गया है, तो इससे करीब 15-20 मिनट पहले बोरीबंदर से भी इसी तरह के धमाके की खबर मिली थी, जिसमें एक टैक्सी ड्राइवर और दो यात्रियों की मौत हेने की जानकारी मिली थी। इन हमलों में तकरीबन 15 घायल हुए थे।

मुंबई अटैक के तीन बड़े मोर्चों में मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस शामिल था। जब हमला हुआ तो ताज में 450 और ओबेरॉय में 380 मेहमान मौजूद थे। खासतौर से ताज होटल की इमारत से निकलता धुंआ तो बाद में मुंबई पर हुए इस हमले की पहचान बन गया। हमले की अगली सुबह यानी 27 नवंबर को ताज होटल के सभी बंधकों को छुड़ाया जा सका।

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Published: 26 Nov 2022, 11:35 AM