हाथरस कांड में शासन के रवैये पर राहुल गांधी का निशाना, बोले- सीएम और उनकी पुलिस कह रही नहीं हुआ किसी का रेप

पुलिस और प्रशासन शुरू से ही इस केस में अपने रवैये को लेकर सवालों के घेरे में है। पीड़िता के परिजनों ने शुरू में ही यह आरोप लगाया था कि वारदात के बाद पुलिस में उनकी ठीक से सुनवाई नहीं हुई। पीड़िता को ठीक से इलाज तक नहीं मिला।

फोटो: सोशल मीडिया
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हैदर अली खान

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाथरस कांड को लेकर एक बार फिर सीएम योगी और उनके सिस्टम पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “शर्मनाक सच्चाई यह है कि कई भारतीय, दलित, मुस्लिम और आदिवासियों को इंसान नहीं मानते हैं। सीएम और उनकी पुलिस का कहना है कि किसी का बलात्कार नहीं किया गया, और कई अन्य भारतीयों के लिए वह (हाथरस पीड़िता) कोई नहीं थी।”

राहुल गांधी ने योगी सरकार और प्रशासन की उस मंशा पर सवाल खड़े किए हैं, जिसमें आरोपियों को बचाने और उनकी तरफदारी करने के आरोप लग रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए यह ट्वीट किया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि पीड़िता ने अपने बयान में मरते समय खुद को गैंगरेप का शिकार बताया था, लेकिन पुलिस-प्रशासन यह बताने और साबित करने में जुटा हुआ है कि पीड़िता के साथ कोई यौन हिंसा नहीं हुई थी। पुलिस-प्रशासन के इसी रवैये पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।


पुलिस और प्रशासन शुरू से ही इस केस में अपने रवैये को लेकर सवालों के घेरे में है। पीड़िता के परिजनों ने शुरू में ही यह आरोप लगाया था कि वारदात के बाद पुलिस में उनकी ठीक से सुनवाई नहीं हुई। पीड़िता को ठीक से इलाज तक नहीं मिला। ऊपर से पीड़िता की मौत के बाद आधी रात को ही परिजनों से बिना पूछे उसके शव को जला दिया गया। बाद में डीएम पर परिजनों को धमकी देने के आरोप के साथ मारपीट का भी आरोप लगा। कई दिनों तक परिजनों को घर में कैद रखने के भी आरोप लगे। इन सबके बावजूद डीएम पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पीड़िता के परिजन अभी भी पुलिस-प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही अलीगढ़ जेल में बंद इस मामले में मुख्य आरोपी संदीप ने खुद को निर्दोश बताते हुए हाथरस के एसपी को एक पत्र लिखा था। पत्र में उसने पीड़िता के परिजनों को ही पीड़िता की मौत के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया। बकायदे उस पत्र को अलीगढ़ जेल प्रशासन ने हाथरस के एसपी को सौंपा था। पुलिस की ओर यह बयान आया था कि इस पत्र को जांच एजेंसी को सौंपा जाएगा।

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