दिल्ली: छात्रों से संवाद में राहुल बोले, देश में नौकरियों की कमी के चलते बढ़ रहा गुस्सा, नहीं मान रही सरकार

दिल्ली में छात्रों से संवाद में राहुल गांधी ने कहा कि भारत, अमेरिका और यूरोप की समस्या को देखा जाए तो असल समस्या यह है कि युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार न मिलने के चलते युवाओं में गुस्सा है और दक्षिणपंथी फायदा उठा रहे हैं।

फोटो: INCIndia
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘शिक्षा, दशा और दिशा’ कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालयों के छात्रों से संवाद किया। इस दौरान दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के छात्र के सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि आज देश में सब कुछ 15 से 20 उद्योगपतियों के लिए हो रहा है, अपना फोन देखिए, बंदरगाह देखिए चुनिंदा लोगों के लिए काम हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य अपने बजट का ज्यादा से ज्यादा शिक्षा पर करें। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के बाद शिक्षा के बजट में कमी आई है। राहुल ने कहा कि बीजेपी को लगता है कि निजिकरण से शिक्षा में प्रगति ला सकते हैं, लेकिन हम इसमें विश्वास नहीं करते।

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार चाहती है कि शिक्षा पर पैसा छात्र लगाएं और निजीकरण के जरिए इससे 15-20 उद्योगपतियों को ही मदद मिले। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद पर संघ की विचारधारा के लोग बैठाए जा रहे हैं, वो चाहते हैं कि हिंदुस्तान की शिक्षा प्रणाली उनका औजार बन जाए।

दक्षिणपंथ के उभार के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत, अमेरिका और यूरोप की समस्या को देखा जाए तो असल समस्या यह है कि युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार न मिलने के चलते युवाओं में गुस्सा है और दक्षिणपंथी इसी बात का फायदा उठा रहे हैं। राहुल ने कहा कि हमारा असल मुकाबला चीन के साथ है। लेकिन सरकार यह मानने को तैयार ही नहीं है कि देश में रोजगार का संकट है। राहुल गांधी ने कहा कि रोजगार का हल निकाला जा सकता है, लेकिन इससे पहले यह स्वीकार करना होगा कि देश में नौकरी की समस्या है।

एक छात्र के सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने अपने निजी जीवन में हिंसा का सामना करने पर बात की। उन्होंने कहा कि मैं यूपी के शामली में शहीद जवान के परिवार से मिलने गया तो मुझे लगा मेरे पिता की हत्या भी बम धमाके से हुई, इसलिए मुझे पता था कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मेरी दादी को भी गोलियां मारी गई थी, लेकिन आज हमसे आप पूछेंगे तो मैं यही कहूंगा कि हिंसा को प्यार से ही मिटाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और अशोक के जीवन से हमें यही सीख मिलती है।

छात्रों से संवाद के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने संसद में मेरे परिवार के लिए बहुत भला-बुरा कहा, लेकिन मैं उनके गले लग गया। राहुल ने कहा कि जब मेरी दादी की मौत हुई तो मेरे पिता बंगाल में थे, जब मेरी दादी की हत्या हुई थी उस समय मुझ में काफी गुस्सा था, उनकी हत्या करने वाले उनके सुरक्षाकर्मी ही थे, लेकिन जब मेरे पिता आए और उन्होंने मुझे गले लगाया तो मेरा गुस्सा शांत हो गया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यक्रम के आखिर में कहा, “कुछ लोग मुझे पसंद करेंगे, कुछ नापसंद, लेकिन आप जिसका भी समर्थन कर रहे हैं, उसमें हिम्मत होनी चाहिए कि वो आपके सामने खड़ा होकर आपकी बात सुन सके। अगर उसमें हिम्मत नहीं है तो आपको सवाल पूछना चाहिए कि उसमें हिम्मत आखिर क्यों नहीं है।”

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Published: 23 Feb 2019, 2:17 PM