देश फिर चंपारण जैसी त्रासदी झेलने जा रहा, तब अंग्रेज कंपनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कंपनी बहादुर हैं- राहुल गांधी

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन करीब 38 दिनों से जारी है। कड़ाके की सर्दी के बीच किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर लीगल गारंटी दे।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “देश एक बार फिर चंपारण जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है। तब अंग्रेज कम्पनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कम्पनी बहादुर हैं। लेकिन आंदोलन का हर एक किसान-मजदूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा।”

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन करीब 38 दिनों से जारी है। कड़ाके की सर्दी के बीच किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर लीगल गारंटी दे, लेकिन सरकार तैयार नहीं है। ना ही वह कृषि कानूनों को वापस ले रही है ना ही एमएसपी पर किसानों को लीगल गारंटी दे रही है। किसानों और सरकार के बीच कई दौरकी वार्ता फेल हो चुकी है।


किसानों और सरकार के बीच अब कल यानी 4 जनवरी को एक बार फिर वार्ता होगी। पिछली बैठक में सरकार ने किसानों से कहा था कि अगर कृषि कानूनों को रद्द किया जाता है तो इनका क्या विकल्प होगा वह बताएं। उधर, किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। कल होने वाले वार्ता काफी अहम है। इस बीच किसानों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। वहीं, कृषि कानूनों को रद्द करने पर इनका क्या विकल्प होगा इस मुद्दे पर कल होने वाली बैठक में बात होगी।

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