राहुल गांधी की पीएम मोदी को खुली चुनौती: ‘राफेल पर सिर्फ 20 मिनट आमने-सामने बहस कर लें, सब साफ हो जाएगा’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि वे राफेल पर पीएम से आमने-सामने बहस करना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे इस मुद्दे पर बहस कर सकें।

फोटो : @INCIndia
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे पर तेवर और कड़े कर लिए हैं। उन्होंने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार का खुला आरोप लगाते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया। बुधवार को लोकसभा में राफेल मुद्दे पर चर्चा के दौरान भी राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखे प्रहार किए थे, इसके बाद उन्होंने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में साफ कहा कि वे प्रधानमंत्री से इस मामले में बहस करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि, “सिर्फ 20 मिनट के लिए प्रधानमंत्री उनके सामने बैठ जाएं और राफेल मुद्दे पर बहस कर लें।”

उन्होंने कहा कि राफेल के कई राज़ पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के पास दफ्न हैं। गौरतलब है कि बुधवार सुबह ही कांग्रेस ने एक ऑडियो टेप जारी किया है, जिसमें कथित तौर पर गोवा में बीजेपी सरकार के मंत्री कहते सुने जा रहे हैं कि मनोहर पर्रिकर ने खुद कहा है कि राफेल सौदे की महत्वपूर्ण फाइलें उनके पास हैं। राहुल गांधी ने कहा कि, “ऐसे और टेप भी हो सकते हैं। सवाल है कि पर्रिकर जी के बेडरू में क्या सूचना है, क्या फाइलें हैं, और इसका प्रभाव नरेंद्र मोदी जी पर क्या पड़ने वाला है।“

राहुल गांधी ने राफेल विमानों की कीमत के बारे में कहा कि सरकार कीमतें बताने में आनाकानी करती रही है, और इसे गोपनीयता शर्त बताकर कीमत बताने से बचती रही है। उन्होंने संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली के भाषण की एक वीडियो क्लिप दिखाई, जिसमें अरुण जेटली खुद राफेल विमान की कीमत बताते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि, “भाषण में जेटली जी ने बोला कि1600 करोड़ रुपए का नंबर कहां से आता है। कांग्रेस पार्टी कहां से बताती है। उन्होंन स्वंय कहा कि 58,000 करोड़ की डील है, 58,000 करोड़ को 36 से भाग दें तो 1600 करोड़ आता है।“

राहुल गांधी ने कहा कि, “जेटली जी पूछते हैं कि 526 करोड़ का नंबर कहां से आया।“ इस पर राहुल गांधी ने अरुण जेटली के संसद में दिए भाषण की एक और क्लिप चलाकर दिखाई, जिसमें वे कह रहे हैं कि यूपीए के दौर के सौदे को रद्द किया गया। राहुल गांधी ने कहा कि, “मोदी जी कहते हैं कि यूपीए के दौर में कुछ काम नहीं हुआ। आपने माना कि यूपीए के दौर में डील थी।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल पूछा कि क्या वायुसेना ने इस सौदे को नामंजूर किया था, या इस पर आपत्ति जताई थी। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा था कि उन्हें इस सौदे के बारे में कुछ नहीं पता। उन्होंने कहा कि यह सरकार सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि, “युवाओं, किसानों, आपसे 3.5 लाख करोड़ चोरी करके देश के अमीर लोगों का कर्ज माफ किया। विमान फ्रांस में बनवाया, 45000 करोड़ के कर्ज में डूबे अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ का ठेका दिलवाया।“

राहुल गांधी ने कहा कि राफेल पर सरकार जवाब देने से बचती है। उन्होंने कहा कि, “राफेल पर रक्षा मंत्री नहीं खड़ी हो सकतीं, सौदे का फैसला करने वाले नरेंद्र मोदी नहीं खड़े हो सकते। लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली उन्हें बचा रहे हैं।“

उन्होंने कहा कि, “देश जानता है कि नरेंद्र मोजी जी ने 30,000 करोड़ अपने मित्र को दिया। देश जानता है कि 126 विमान की जरूरत थी लेकिन सिर्फ 36 विमान खरीदे। वे बहस से भाग सकते हैं, लेकिन सच्चाई कहीं नहीं जाने वाली।“

राहुल गांधी ने कहा कि अरुण जेटली कहते हैं कि ‘राहुल गांधी को फुली लोडेड एयरक्राफ्ट और बेयर एयरक्राफ्ट में फर्क नहीं मालूम।‘ इस बात पर राहुल गांधी ने यूपीए शासन मे हुए मूल आरएफपी की प्रति पढ़कर सुनाई, जिसमें साफ लिखा है कि राफेल विमान पूरी तरह लोडेड और सभी क्षमताओं के साथ लिया जाना है। राहुल गांधी ने कहा कि, “जेटली जी की आदत है कि वे एक के बाद एक झूठी बातें करते रहते हैं।”

उन्होंने कहा कि आखिर सरकार जेपीसी क्यों नहीं कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि, ‘हमें विश्वास है कि जेपीसी में दो ही नाम सामने आएंगे-एक अनिल अंबानी और एक नरेंद्र मोदी।’ राहुल गांधी ने साफ किया कि उन्हें राफेल विमान की गुणवत्ता या क्षमता पर कोई संदेह नहीं है।

इस सवाल पर कि अगर 2019 में उनकी सरकार आती है तो क्या वे राफेल सौदे की जांच कराएंगे, राहुल गांधी ने कहा कि, “100 फीसदी जांच कराएंगे। इस सौदे में पूरी प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाई गई हैं, और अनिल अंबानी को सीधा ऑफसेट पकड़ा गिया गया। सारी ब्यूरोक्रेसी जानती है।“

राहुल गांधी ने एक न्यूज एजेंसी को दिए पीएम के इंटरव्यू पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि पीएण के इंटरव्यू में एक बात रोचक लगी कि पीएम ने कहा कि राफेल मामले पर मेरे ऊपर कोई सवाल नहीं पूछ रहा है। उन्होने कहा कि, “पता नहीं कौन सी दुनिया में रहते हैं पीएम?आपसे पूछा जा रहा है। वे सोचते हैं कि किसी और के बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं।“

राहुल ने कुछ सवाल सीधे सीधे पूछे:

  • क्या रक्षा मंत्री ने नए ठेके के बारे में कोई आपत्ति की थी?
  • विमान का दाम 526 से 1600 करोड़ रुपए तक बढ़ा, वह किसका फैसला था?
  • क्या वह मोदी जी का फैसला था या एयरफोर्स का फैसला था?
  • अगर एयरफोर्स का फैसला नहीं था तो क्या एयरफोर्स ने कीमत बढ़ने पर आपत्ति जताई थी?
  • अनिल अंबानी ने कभी विमान नहीं बनाया, एचएएल 70 साल से बना रही है। उसके पास अनुभव है, एचएएल को परे करने का फैसला किसका था?
  • जो विमान देश में बनना था, मेक इन इंडिया के तहत जिससे देश की सामरिक और उत्पादन क्षमता बढ़ती, वह विमान फ्रांस में क्यों बन रहा है और यह किसका फैसला था?

राहुल गांधी से जब पूछा गया कि क्या वे विमान उड़ाना जानते हैं, तो उनका जवाब था हां। उन्होंने कहा कि, “मैं प्रधानमंत्री से राफेल पर आमने-सामने बहस करना चाहता हूं। राफेल या किसी भी लड़ाकू विमान पर बहस करना चाहता हूं। सिर्फ 20 मिनट में सब साफ हो जाएगा। लेकिन प्रधानमंत्री के पास हौसला नहीं है बहस करने का, सवालों के जवाब देने का।

राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि, “सुप्रीम कोर्ट का फैसला साफ है कि यह उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। हमने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुद्दा उठाया कि सीएजी की रिपोर्ट आई है, खड़गे जी ने बताया कि सीएजी रिपोर्ट नहीं आयी है। सुप्रीम कोर्ट ने नहीं कहा कि राफेल पर जांच न हो। सिर्फ इतना कहा कि उसके अधिकार क्षेत्र में जांच करना नहीं है।“

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