एक साथ मिलकर कोरोना को हरा देगा भारत, गरीबों के लिए ‘न्याय’ योजना लागू करना वक्त की जरूरत: राहुल गांधी

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि लॉकडाउन किसी भी तरह से कोविड 19 का समाधान नहीं है। लॉकडाउन एक पॉज़ बटन की तरह है। जब हम लॉकडाउन से बाहर आते हैं, तो वायरस अपना काम फिर से शुरू करने जा रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

  • देश एक रहा तो कोरोना को हम आसानी से हरा देंगे...
  • मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं कि आप इस समय बहुत कठिन दौर से दो चार हैं, लेकिन डरिए मत, हम मिलकर कोरोना को हरा देंगे...
  • सिर्फ लॉकडाउन कोरोना का इलाज नहीं है, इससे कोरोना को रोक सकते हैं, हरा नहीं सकते, इसे हराने के लिए टेस्टिंग को तेज करना होगा
  • लॉकडाउन में मिले वक्त को चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करने के साथ ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की रणनीति बनाने में इस्तेमाल करना चाहिए
  • वक्त की जरूरत है गरीबों और बेहद गरीबों का ध्यान रखना, हमारे गोदामों में भरे अनाज को गरीबों तक पहुंचाना चाहिए, न्याय जैसी योजना को भले ही नाम बदलकर, लागू करना चाहिए, ताकि गरीबों को मदद मिले
  • बेरोजगारी बढ़ना शुरु हो गई है और आने वाले वक्त में और भी बढ़ने की आशंका है, ऐसे में एसएमई (छोटे और मझोले उद्योगों) के लिए पैकेज तैयार करना चाहिए
  • बड़ी कंपनियां खतरे में न आ जाएं और कोई इसका फायदा उठाकर उनका टेकओवर न कर ले, इसके लिए रणनीति बनाने की जरूरत है
  • अभी तक जो हुआ, उसे भूल जाइए, हमें अभी से आगे की रणनीति पर काम करना चाहिए
  • सारे हथियारों का इस्तेमाल एकसाथ न करके, धीरे-धीरे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विजय हासिल करनी है

यह वह कुछ सुझाव थे जो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में दिए। राहुल गांधी देश के पहले नेता हैं जिन्होंने कोरोना संकट के मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस की और पत्रकारों के सभी सवालों के जवाब दिए। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई इस प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने साफ कहा कि विपक्षी नेता होने के नाते वे सरकार को रचनात्मक सुझाव देते रहेंगे और यह सरकार का काम है कि वह इन सुझावों को माने या न माने।

प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत में ही राहुल गांधी से साफ कर दिया था कि उनकी टिप्पमई को आलोचना नहीं बल्कि एक रचनात्मक सहयोग और समर्थन के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “आज हम एक संकट के दौर में हैं, इसमें सभी राजनीतिक दलों को एकसाथ आना होगा, ताकि समस्या का समाधान निकाला जा सके।”

इस प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी कहीं भी आक्रामक नहीं हुए और न ही सरकार द्वारा अब तक लिए गए किसी भी फैसले की आलोचना की। जब उनसे पूछा गया कि आपने तो काफी पहले से इस बारे में आगाह करना शुरु कर दिया था, तो भी राहुल गांधी ने कहा कि “जो हो चुका वह हो चुका, हमें अब आगे के बारे में सोचना है।” उन्होंने कहा कि, “लॉकडाउन समस्या का समाधान नहीं है, इससे कोरोना पर सिर्फ विराम लगता है लेकिन वह खत्म नहीं होता। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग ही एक मात्र ऐसा तरीका है जिससे पता चलेगा कि हम कहां हैं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि लॉकडाउन कोरोना को रोकने का एक मात्र तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी टेस्टिंग करना है। उन्होंने कहा कि हमें टेस्टिंग बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो टेस्टिंग सरकार कर रही वह बेहद कम है। उन्होंने कहा कि एक रणनीति के तहत हमें टेस्टिंग करने की जरूरत है।


राहुल गांधी ने कहा कि जो कुछ हुआ, सो हुआ अब हमें मिलकर काम करने की जरूरत है। लॉकडाउन से बात नहीं बनने वाली है, सिर्फ इससे कोरोना को रोकने में मदद जरूर मिलेगी, लेकिन आगे बहुत कुछ करने की जरूरत है। इस समय में अलग-अलग राज्य के प्रशासन से बात करने की जरूरत है। कई कदम उठाने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता ने कहा, “आने वाले दिनों में खाने की कमी होगी। आपके पास गोदाम में फूड सप्लाई है, उसे आप गरीब लोगों को फूड सप्लाई दीजिए। इस संकट की घड़ी में सरकार को गरीबों में राशन बांटने में तेजी लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोदाम में राशन भरा पड़ा है। ऐसे में हर हफ्ते गरीबों को 10 किलो राशन दिया जाना चहिए। उन्होंने कहा कि नई फसल आने के बाद गोदाम में और राशन पहुंचेगा। ऐसे में यही समय है कि जो राशन हमारे पास पड़ा है उसे गरीबों में बांट देना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि सरकार न्याय योजना लागू करे। 20 फीसदी लोगों के अकाउंट में पैसा डालने का काम करे। देश के मजदूर परेशान हैं। ऐसे में जरूरत है इस तरह के कदम उठाएं जाएं।चाहे तो कांग्रेस की न्याय योजना का नाम बदलकर इस्तेमाल कर लें

उन्होंने कहा, “आने वाले दिनों में बेरोजगारी बढ़ने वाली है। सबसे ज्यादा छोटे उद्योग रोजगार देते हैं। ऐसे में छोटे उद्योगों को कैसे सुरक्षित किया जाए इस पर भी आर्थिक रूप से कदम उठाने की जरूरत है। ऐसे कदम उठाने में देरी नहीं होनी चाहिए। जल्द कदम उठाए जाने चाहिए। क्योंकि यह राष्ट्रीय मुद्दा है।”


राहुल गांधी ने कहा, “कोरोना को कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसे मैनेज किया जा सकता है। जितने बेहतर तरीके से आप इस संकट में चीजों को मैनेज करेंगे, कोरोना को खत्म करने में मदद मिलेगी। इस संकट में राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लगातार बात करने की जरूरत है।”

लॉकडाउन को खोलने के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से लॉकडाउन को खोलने की जरूत है। उन्होंने कहा कि अगर अचानक पूरी तरह लॉकडाउन हटाया गया तो तो इससे खतरा और बढ़ जाएगा। राज्यों को भी योजना बनानी होगी। केंद्र जो कदम उठा रहा है उसे उठाने देना चाहिए, वहीं दूसरी तरफ राज्यों को भी उन्हें अपने तरीके से काम करने देना चाहिए।

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए हमारी मुख्य ताकत राज्य और जिला स्तरों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर प्रभावी मशीनरी के कारण केरल के वायनाड में सफलता मिली है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना संकट के बीच बहुत सारी ऐसी चीजें हैं, जिसपर सवाल खड़े किए जा सकते हैं। पहला जो मसला है वह टेस्टिंग का। वहीं, दूसरा उन लोगों से जुड़ा है जो हमें रोजगार देंगे, उनके लिए आखिर क्या कदम उठाए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि यह सारी चीजें साफ होनी चाहिए।


चीन से टेस्टिंग किट आने में देरी होने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, “कोरोना के फैलते ही सभी देशों ने टेस्टिंग किट मंगानी शुरू कर दी। जहां से टेस्टिंग किट मिलते हैं, वहां टेस्टिंग किट में कमी आ गई है। ऐसे में हमें कोई ना कोई तरीका निकालना होगा, जिससे हमें टिस्टिंग किट मिल सके। बिना टेस्टिंग के हम इस लड़ाई को नहीं लड़ सकते हैं।”

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Published: 16 Apr 2020, 2:12 PM