बारिश का कहर: कश्मीर शेष भारत से कटा, हिमाचल बेहाल, यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली को खतरा
पंजाब वर्तमान में दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक सैलाब में 37 लोगों की मौत हुई है और 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। 1.75 लाख हेक्टेयर से अधिक की कृषि भूमि पर फसलें नष्ट हो गई हैं।

जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश का कहर जारी है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य जमीनी मार्गों पर भूस्खलन और बारिश के कारण सड़कों के हिस्से बह जाने के कारण उन्हें बंद कर दिया गया, जिससे कश्मीर घाटी देश के बाकी हिस्सों से कट गई है। वहीं हिमाचल प्रदेश मानसून प्राकृतिक आपदाओं से बेहाल और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली पर भीषण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं, सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और व्यापार ठप हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले में भूस्खलन के कारण दो मकान ढह गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह लोग मलबे में दब गए। एनडीआरएफ की एक टीम ने एक महिला समेत तीन लोगों को मलबे में से निकाला और एक शव बरामद किया।
कुल्लू के उपायुक्त तोरुल एस रविश ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से जारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ। उनके मुताबिक, अखाड़ा बाज़ार क्षेत्र में मलबे के नीचे दबे छह लोगों की तलाश जारी है, तीन लोगों को निकाल लिया गया है और एक शव बरामद हुआ है। उन्होंने कहा कि बारिश से बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
हिमाचल के राज्य आपात परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार राज्य में कुल 1,292 सड़कें बंद हैं जिनमें से 294 मंडी, 226 कुल्लू, 216 शिमला, 204 चंबा और 91 सिरमौर ज़िले में हैं।स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार और शनिवार को राज्य के कुछ स्थानों पर मेघगर्जन और बिजली कड़कने के साथ बारिश की आशंका को लेकर ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। हिमाचल में अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में कम से कम 343 लोगों की मौत हो चुकी है और 43 लोग लापता हैं। इस मानसून में अब तक राज्य को 3,690 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
वहीं कश्मीर घाटी देश के बाकी हिस्सों से कट गई है, क्योंकि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य जमीनी मार्गों पर भूस्खलन और बारिश के कारण सड़कों के हिस्से बह जाने के कारण गुरुवार को उन्हें बंद कर दिया गया। छब्बीस अगस्त से राजमार्गों और अन्य अंतर-क्षेत्रीय सड़कों के बंद रहने के कारण 3,500 से अधिक वाहन कठुआ से लेकर कश्मीर तक विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। फंसे हुए वाहनों की आवाजाही के लिए सोमवार को राजमार्ग आंशिक रूप से खोला गया था।
इसके अलावा जम्मू-राजौरी-पुंछ राजमार्ग और बटोटे-डोडा-किश्तवार राजमार्ग सहित अन्य महत्वपूर्ण मार्ग भी भूस्खलन और सड़कों के बह जाने के कारण यातायात के लिए बंद हैं। जम्मू रेलवे मंडल में रेल यातायात बीते नौ दिनों से बंद है। 26 अगस्त को भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद पठानकोट-जम्मू खंड में कई स्थानों पर पटरियां धंस गई थी। जम्मू क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण खासतौर से तीर्थयात्री फंसे हुए हैं और रेल व सड़क यातायात बुरी तरह बाधित हुआ है। कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर के पास भूस्खलन की घटना में 34 लोगों की जान चली गई।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के पुराने रेलवे पुल (पुराना लौहे का पुल) पर यमुना का जलस्तर गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक 207.46 मीटर पर स्थिर रहा। उन्होंने कहा कि जलस्तर धीरे-धीरे कम होना शुरू हो सकता है, हालांकि आसपास के इलाकों और राहत शिविरों में अब भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है।
बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय तक पहुंच गया, जहां मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के दफ़्तर स्थित हैं। बाढ़ का पानी कश्मीरी गेट के पास स्थित श्री मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर तक भी पहुंच गया। दिल्लीवासियों के लिए यह दोहरी मार रही क्योंकि लगातार बारिश से हुए जलभराव और यमुना की बाढ़ ने मिलकर यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया। राजस्व विभाग के अनुसार 8,018 लोगों को तंबुओं में और 2,030 लोगों को 13 स्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया गया है।
पंजाब वर्तमान में दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ-साथ मौसमी नालों के उफान पर आने यह बाढ़ आई है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक सैलाब में 37 लोगों की मौत हुई है और 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। 1.75 लाख हेक्टेयर से अधिक की कृषि भूमि पर फसलें नष्ट हो गई हैं। पंजाब सरकार ने बुधवार को राज्य में मौजूदा बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की छुट्टियां सात सितंबर तक बढ़ा दी हैं।
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