पंजाब के बाद राजस्थान ने भी कृषि कानूनों को किया खारिज, विधानसभा के विशेष सत्र में विरोध में बिल पास

पंजाब सरकार की तरह राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी केंद्र सरकार के विवादित कृषि कानूनों का कड़ा विरोध किया है। सोमवार को कांग्रेस सरकार द्वारा बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ तीन अहम बिल पास कर दिए गए।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब की तरह राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भी मोर्चा खोल दिया है। राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर केंद्र के कानूनों के खिलाफ तीन कृषि संशोधन बिल पास कर दिया। जिस समय सदन में कृषक सशक्तिकरण और संरक्षण संशोधन विधेयक पास हुआ, बीजेपी विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए।

केंद्र के कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। सत्र के दौरान पटल पर छह विधेयक रखे गए। गहलोत सरकार के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्द्धन और सरलीकरण संशोधन विधेयक-2020, कृषक सशक्तिकरण व संरक्षण, कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार संशोधन विधेयक-2020, आवश्यक वस्तु विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन विधेयक-2020 और राजस्थान सिविल प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक-2020 सदन के पटल पर रखे, जिन्हें ध्वनिमत से पास कर दिया गया।

बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा से कानून पास करने के बाद राजस्थान में भी नया विधेयक लाने का ऐलान किया था। पंजाब में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में केंद्र सरकार के तीनों विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव पास हो चुका है।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने सभी गैरबीजेपी सरकारों से कृषि विधेयकों को खारिज करने के लिए कानून लाने पर विचार करने की अपील की थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों को भी अपने राज्यों में कृषि कानूनों के खिलाफ कानून पारित करने की संभावना तलाशने के लिए कहा था। हालांकि राज्य विधानसभाओं द्वारा केंद्रीय कानून को रद्द करने के लिए कानून पारित करने के बाद उसे राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी पड़ती है।

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