राजस्थानः अशोक गहलोत ने कोटा एयरपोर्ट में देरी को लेकर मोदी सरकार को घेरा, पूछा- 4 साल क्यों हुए बर्बाद?
अशोक गहलोत ने आज शंभुपुरा में एयरपोर्ट स्थल का दौरा किया और अफसरों से एयरपोर्ट की भूमि को लेकर आ रही बाधाओं के बारे में बात की। कितनी जमीन दी गई, कितनी जमीन वन विभाग के क्षेत्र में है, मामला क्यों फंसा है, इन सब बातों पर उन्होंने अफसरों के साथ चर्चा की।
![अशोक गहलोत ने कोटा एयरपोर्ट में देरी को लेकर मोदी सरकार को घेरा](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2023-09%2F85048777-46e7-4763-b672-3fb7222c1ac3%2FAshok_Gehlot_PM_Modi.jpg?rect=0%2C0%2C915%2C515&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण में देरी पर मोदी सरकार पर हमला बोला है। सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को विधायक भरत सिंह के आवास से सीधे शंभुपुरा में प्रस्तावित एयरपोर्ट स्थल पर पहुंचे। उनके साथ मंत्री शांति धारीवाल, विधायक सिंह, जिला कलेक्टर ओपी बुनकर और यूआईटी अधिकारी भी मौजूद थे।
अशोक गहलोत ने शंभुपुरा में साइट का दौरा किया और अधिकारियों से हवाईअड्डे की भूमि को लेकर आ रही बाधाओं के बारे में बात की। कितनी जमीन दी गई, कितनी जमीन वन विभाग के क्षेत्र में है, मामला क्यों फंसा हुआ है, इन सब बातों पर भी उन्होंने अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि ओम बिरला इलाके के सांसद हैं और लोकसभा अध्यक्ष भी हैं। जमीन का मुद्दा उनके लिए मामूली बात है, पर मुझे समझ नहीं आता कि चार साल क्यों लगा दिए, मैंने उनसे बात भी की थी, फिर बोलूंगा।
दरअसल एयरपोर्ट की जमीन का पैसा जमा करने को लेकर राज्य और केंद्र के बीच खींचतान चल रही है। तीन साल पहले राज्य सरकार ने 500 हेक्टेयर जमीन आवंटन की सहमति दे दी थी और आदेश भी जारी कर दिए गए थे। यूआईटी ने अपने खाते की जमीन भी एयरपोर्ट अथॉरिटी को ट्रांसफर कर दी। वन विभाग की शेष जमीन के डायवर्जन के तहत यूआईटी ने 21 करोड़ 13 लाख रुपये की पहली किस्त वन विभाग को जमा करा दी है।
अब 106.34 करोड़ रुपये की बकाया राशि के कारण एयरपोर्ट का मामला अटक गया है। यह पैसा वन विभाग को डायवर्जन शुल्क, परियोजना लागत का दो प्रतिशत और पावर ग्रिड लाइनों की शिफ्टिंग के एवज में देना होगा। राज्य का कहना है कि यह राशि केंद्र को देनी होगी, जबकि केंद्र का कहना है कि यह राशि राज्य सरकार को देनी होगी।
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