राजस्थान चुनावः BJP की दो कमेटी में वसुंधरा राजे का नाम नहीं, गुट को अब चुनाव प्रचार समिति के ऐलान से उम्मीद

राजस्थान चुनाव के लिए बीजेपी आलाकमान ने आज दो महत्वपूर्ण समितियों का ऐलान किया, लेकिन दोनों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को जगह नहीं दी गई है। ऐसे में वसुंधरा गुट की सारी उम्मीदें अब चुनाव प्रचार अभियान समिति के ऐलान पर टिकी हैं।

राजस्थान चुनाव के लिए BJP की दो कमेटी में वसुंधरा राजे का नाम नहीं
राजस्थान चुनाव के लिए BJP की दो कमेटी में वसुंधरा राजे का नाम नहीं
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नवजीवन डेस्क

राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे बीजेपी आलाकमान ने गुरुवार को चुनावी तैयारी से जुड़ी दो महत्वपूर्ण समितियों- प्रदेश संकल्प पत्र समिति और चुनाव प्रबंधन समिति - का ऐलान कर दिया। पार्टी आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को संकल्प पत्र समिति का और नारायण पंचारिया को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया है।

हालांकि, इन दोनों समितियों के नामों की सूची में सबसे अधिक हैरानी भरी बात यह रही कि इन दोनों समितियों में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान बीजेपी की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे सिंधिया को जगह नहीं दी गई है। इसी के साथ कयास लगने भी शुरू हो गए हैं कि क्या बीजेपी आलाकमान ने राजस्थान में बदलाव करने का मन बना लिया है?

क्या राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे सिंधिया का युग समाप्त होने जा रहा है? हर राज्य में नया और युवा नेतृत्व खड़ा करने के अभियान में जुटे बीजेपी आलाकमान को राजस्थान की जमीनी राजनीति का अंदाजा बखूबी है। उन्हें इस बात का भी अहसास है कि वसुंधरा राजे सिंधिया अकेले अपने दम पर भले ही पार्टी को बहुमत दिला पाने की स्थिति में न हों, लेकिन उनकी नाराजगी पार्टी को हरा जरूर सकती है।

इसी के चलते पार्टी आलाकमान फिलहाल सीधे टकराव से बचने की मुद्रा में ही नजर आ रही है।
पार्टी की परंपरा के विपरीत जाकर इस बार बीजेपी ने दिल्ली की बजाय राजस्थान से इन दोनों समितियों की लिस्ट जारी की। इससे भी बड़ी बात यह रही कि विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाने वाली इन समितियों के संयोजक, सह संयोजक और सदस्यों की यह सूची बीजेपी आलाकमान की बजाय राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के हस्ताक्षर से जारी किया गया।


यहां तक कि वसुंधरा राजे सिंधिया को इन समितियों में शामिल नहीं किए जाने के बारे में भी पूछे गए सवाल का जवाब न तो राज्य के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी स्पष्ट तौर पर दे पाए और न ही राज्य के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ही दे पाए। जोशी ने कहा कि वसुंधरा राजे हमारी पार्टी की बहुत ही वरिष्ठ नेता हैं, हमने उनको कई प्रोग्राम में अभी इंवॉल्व किया है और आगे भी इंवॉल्व करते रहेंगे।

वहीं, अरुण सिंह ने वसुंधरा राजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने की बात कहते हुए यह कहकर सफाई दी कि पार्टी के तमाम बड़े नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी जाएगी, वसुंधरा राजे समेत सभी बड़े नेता परिवर्तन यात्राओं में शामिल होंगे और आने वाले दिनों में सभी नेता एकजुट होकर पार्टी के कार्यक्रमों में नजर आएंगे।

गौरतलब है कि वसुंधरा राजे सिंधिया पिछले कई महीनों से राजस्थान के साथ-साथ दिल्ली में भी सक्रिय रही हैं। उन्होंने राजस्थान में अकेले अपने दम पर बड़े-बड़े कार्यक्रम कर एक ओर जहां अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने का प्रयास किया तो वहीं दिल्ली आकर पार्टी के आला नेताओं के सामने अपनी बात भी रखी। लेकिन, ताजा कदम से बीजेपी आलाकमान ने उन्हें एक संकेत तो दे ही दिया है और अब पार्टी को उनके रुख का भी इंतजार है।

हालांकि, सूत्रों की मानें तो कोई भी अंतिम या बड़ा फैसला करने से पहले वसुंधरा राजे सिंधिया गुट को अभी भी चुनाव प्रचार अभियान समिति के ऐलान का इंतजार है। हालांकि, संकेत बिल्कुल साफ हैं, लेकिन वसुंधरा गुट आखिरी समय तक इंतजार करने को तैयार है। राजे के समर्थकों को अभी भी यह लग रहा है कि पार्टी उनके कद और प्रभाव को देखते हुए उन्हें राजस्थान चुनाव अभियान में महत्वपूर्ण और सम्मानजनक भूमिका दे सकती है, इसलिए फिलहाल उनका गुट अभी भी अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है।

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