राजस्थान: SIR में शामिल सुपरवाइजर की दिल का दौरा पड़ने से मौत, एक दिन पहले BLO की गई थी जान
परिजनों ने पुलिस को बताया कि सैनी एसआईआर से जुड़े काम के बोझ और अधिकारियों के दबाव की वजह से बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में थे। उन्होंने दावा किया कि सैनी को हाल ही में इस काम से जुड़ा नोटिस मिला था और वह पिछले कई दिन से घरवालों से ज्यादा बात नहीं कर रहे थे।

राजस्थान में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में शामिल एक सुपरवाइजर की बुधवार को मौत हो गई। परिवार ने एसआईआर के काम के दबाव को वजह बताया है। एक दिन पहले सवाई माधोपुर में एक बीएलओ की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। बीएलओ के परिवार ने काम के दबाव को दिल का दौरा पड़ने की वजह बताया था।
पुलिस ने बताया कि करौली में हिंडौन के ‘पीएम श्री सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय’ में व्याख्याता संतराम सैनी (45) को एसआईआर में बतौर सुपरवाइजर तैनात किया गया था। उन्होंने बुधवार रात करसूली गांव में अपने घर पर अचानक सीने में दर्द की शिकायत की और थोड़ी देर बाद वह गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि सुपरवाइजर एसआईआर के मौजूदा काम की वजह से दबाव में थे।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि सैनी एसआईआर से जुड़े काम के बोझ और अधिकारियों के दबाव की वजह से बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि सैनी को हाल ही में इस काम से जुड़ा नोटिस मिला था और वह पिछले कई दिन से घरवालों से ज्यादा बात नहीं कर रहे थे। सदर थाने के एक अधिकरी ने बताया कि परिवार ने कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव गुरुवार को परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया।
बुधवार को ही सवाई माधोपुर में एसआईआर प्रक्रिया में तैनात एक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। सेवती खुर्द सरकारी स्कूल में कार्यरत और वर्तमान में बीएलओ के रूप में तैनात तृतीय श्रेणी शिक्षक हरिराम उर्फ हरिओम बैरवा (34) की बुधवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बीएलओ को तहसीलदार का फोन आया था जिसके कुछ मिनट बाद ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। परिवार के अनुसार, तहसीलदार का फोन आने के बाद अचानक बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने आरोप लगाया कि अधिकारी एसआईआर ड्यूटी को लेकर उन पर अत्यधिक दबाव डाल रहे थे जिसके कारण बैरवा पिछले छह दिनों से काफी तनाव में थे। उन्होंने दावा किया कि लगातार काम के बोझ के कारण वे घर पर भी कम बात कर पा रहे थे और इस वजह से उन्हें दिल का दौरा पड़ा। हरिओम के भाई आशीष बैरवा ने आरोप लगाया कि वह दबाव में काम कर रहे थे और वह देर रात तक काम करते और सुबह जल्दी जग जाते थे। पीड़ित के पिता बृजमोहन ने पत्रकारों को बताया, "मुझे नहीं पता कि तहसीलदार ने फोन पर क्या कहा, लेकिन पांच मिनट बाद उसे दिल का दौरा पड़ गया।
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