सेंगोल और उसके कथित तौर पर राजदंड होने के मिथक पर उठाए राजमोहन गांधी ने गंभीर सवाल

जाने-माने इतिहासकार और सी राजागोपालचारी के पोते उनके जीवनी लेखक राजमोहन गांधी ने सेंगोल के बहाने इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।

संसद टीवी द्वारा दिखाए गए वीडियो में नेहरू की भूमिका निभाते अभिनेता (वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट)
संसद टीवी द्वारा दिखाए गए वीडियो में नेहरू की भूमिका निभाते अभिनेता (वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट)
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार द्वारा अधिकारिक तौर पर जारी एक वीडियो में दिखाया गया है कि 1947 में पंडित जवाहर लाल नेहरू सत्ता हस्तांतरण के मुद्दे पर राजाजी (सी राजगोपालाचारी) से बातचीत कर रहे हैं। इसी बातचीत से एक मिथ्यात्मक सेंगोल की बात निकलती है, जिसे अब संसद की नई इमारत में लोकसभा स्पीकर के नजदीक रखा जाएगा। नई इमारत का उद्घाटन कल (रविवार, 28 मई, 2023) को होना है।

इस वीडियो पर राजाजी के पौत्र और उनके आत्मकथा लेखकर राजमोहन गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस कथित वृत्तचित्र में वर्तमान दौर के अभिनेताओं से अभिनय कराया गया है, लेकिन बहुत से लोगों को इससे भ्रम हो सकता है कि यह असली और ऐतिहासिक दृश्य हैं और वे अपनी आंखों के सामने उस असली धार्मिक विधि को देख रहे हैं जो सेंगोल से जुड़ी हुई है। अडानी समूह के स्वामित्व वाले न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत में राजमोहन गांधी ने यह बातें कहीं।

वीडियो में पंडित नेहरू और राजाजी के बीच हुए कथित संवाद का दृश्य (फोटो - वीडियो स्क्रीशॉच)
वीडियो में पंडित नेहरू और राजाजी के बीच हुए कथित संवाद का दृश्य (फोटो - वीडियो स्क्रीशॉच)

उन्होंने कहा कि वीडियो में दर्शकों को इस बात की सलाह दी जानी चाहिए थी कि यह वास्तविक ऐतिहासिक दृश्य नहीं हैं बल्कि इन्हें अभिनेताओं द्वारा पेश किया गया है। लेकिन चूंकि वीडियो में स्टिल फोटोग्राफ (प्रिंट फोटो) भी हैं, ऐसे में दर्शकों को भ्रम हो जाएगा कि यह असली घटनाओं पर बनी डाक्यूमेंट्री है।

इतना ही नहीं इतिहासविद् राजमोहन गांधी ने यहां तक कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सेंगोल की कहानी बताए जाने से पहले तक उन्होंने इसके बारे में सुना तक नहीं था। ध्यान रहे कि चक्रवर्ती राजागोपालाचारी (1878-1972) जिन्हें राजाजी के नाम से भी जाना जाता था, वे देश में 1948 से 1950 तक रही अंतरिम सरकार के अहम सदस्य थे। इतना ही नहीं इस अवधि में देश के गवर्नर जनरल भी थे।


उन्होंने आगे लिखा कि, “मैंने कभी भी सेंगोल कथा में राजाजी की कथित भूमिका के बारे में नहीं सुना। लेकिन चूंकि यह 1947 की स्टोरी बहुत से लोगों के लिए नई होगी, लेकिन मेरे लिए नहीं है। उम्मीद है कि उन ऐतिहासिक दस्तावेजों को जल्द से जल्द सार्वजनिक किए जाए जिनमें इस विषय पर माउंटबैटन, नेहरू और राजाजी के बीच हुई चर्चा का जिक्र होगा। सरकार की विश्वसनीयता के लिए भी ये जरूरी होगा।”

इस दौरान द हिंदू अखबार ने एक फैक्ट चेक किया है इससे स्पष्ट हुआ है कि सेंगोल को भारत के तत्कालीन वाइसरॉय लॉर्ड माउंटबैटन को पुजारियों ने पेश किया गया और उसके बाद इसे वापस ले लिया गया था। बाद में इसे एक जुलूस की शक्ल में जवाहर लाल नेहरू के दिल्ली में 17, यॉर्क रोड स्थित घर में पंडित नेहरू को पेश किया गया। अधिकारिक दावों के उलट द हिंदू ने उस समय के कुछ फोटोग्राफ भी हासिल किए जिसमें दिखाया गया है कि मदुरै के कुछ पुजारी मद्रास से दिल्ली के लिए एक ट्रेन में सवार हो रहे हैं।

राजमोहन गांधी न कहा है कि अगर मान भी लिया जाए कि इस सेंगोल को नेहरू को उनके घर पर सौंपा गया था, तो इसे अधिकारिक कार्यक्रम तो नहीं माना जाना चाहिए। अमेरिकी पत्रिका टाइम मैगजीन ने उस समय की घटनाओं की रिपोर्ट प्रकाशित की हैं। उसनमें लिखा है कि उस समय देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग आकर दिल्ली में कांग्रेस नेताओं को विभिन्न प्रकार के उपहार दे रहे थे और उनके घरों पर कई किस्म के धार्मिक समारोह भी हो रहे थे।

राजमोहन गांधी ने लिखा है कि, “किसी भी सरकारी अधिकारी के घर पर हुए किसी निजी कार्यक्रम को सरकारी कार्यक्रम या अधिकारिक कार्यक्रम नहीं कहा जा सकता।”


बीजेपी नेता जवाहर लाल नेहरू की इसके लिए आलोचना करते नहीं थक रहे कि उन्होंने इस सेंगोल को इलाहाबाद म्यूजियम में रख दिया और इसे ‘वॉकिंग स्टिक’ का नाम दे दिया गया। और अब बीजेपी इसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का बताते हुए बाकायदा अनुष्ठान की तैयारी में है जिसके बाद इसे प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा जाएगा। इसके बाद प्रधानमंतरी इसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपेंगे औरप इस तरह इसे लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में स्थापित कर दिया जाएगा।

राजमोहन गांधी ने अपनी बात यह कहते हुए खत्म की है, “अंतत: इस सेंगोल को लोकसभा में एक स्थाई स्थान मिल जाएगा और उम्मीद है कि फिर भी लोकसभा का काम संविधान की मूल भावना के मुताबिक होता रहेगा।”

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