राम मंदिर ट्रस्ट ने करोड़ों के जमीन घोटाले पर दिया गोलमोल जवाब, चंपत राय बोले- हम पर तो गांधी जी की हत्या का भी आरोप है

श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने जमीन खरीदारी में करोड़ों के कथित घोटाले का सीधा जवाब अभी तक नहीं दिया है। एक गोलमोल बयान में कहा है कि आरोप राजनीतिक हैं। वहीं मीडिया से बात करते हुए ट्र्स्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा - हम पर तो गांधी जी की हत्या का भी आरोप है

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

  • 18.5 करोड़ की जमीन की बात चंपत राय ने स्वीकारी

  • श्रीराम जन्मभूमि न्यास के मुख्य कर्ताधर्ता हैं चंपत राय

  • कहा - जमीन तो 18.5 करोड़ में खरीदी लेकिन आरोप राजनीतिक

  • आर्थिक घोटाले के आरोपों पर चुप्पी

  • 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में कैसे हुई,नहीं बताया

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने एक अधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि जमीन खरीदारी में करोड़ों के घोटाले के आरोप राजनीतिक हैं, और द्वेष की भावना से लगाए गए हैं। जमीन खरीदारी में करोड़ों के फर्जीवाड़े की बात सामने आने के बाद देर रात ट्रस्ट ने एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया है कि "जिस जमीन को लेकर अखबारी चर्चा हो रही है वह रेलवे स्टेशन के पास बहुत प्रमुख स्थान है।" बयान में यह नहीं बताया गया है कि इस जमीन को कितने पैसे में और किससे और कब खरीदा गया है।

राम मंदिर ट्रस्ट ने करोड़ों के जमीन घोटाले पर दिया गोलमोल जवाब, चंपत राय बोले- हम पर तो गांधी जी की हत्या का भी आरोप है

ट्रस्ट ने बयान में कहा है कि, "9 नवंबर 2019 के मंदिर के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने के लिए विभिन्न लोग आने लगे और उत्तर प्रदेश सरकार भी अयोध्या के विकास के लिए जमीन खरीद रही है, इस कारण अयोध्या में जमीनों के दाम बढ़ गए हैं।" बयान में आगे कहा गया है कि, "श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र अभी तक जितनी जमीन खरीदी है वह खुले बाजार से काफी कम कीमत पर खरीदी है। उक्त भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेतागणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर अनुबंध कराया था उस मूल्य पर उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया तत्पश्चात ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया।"

ट्रस्ट ने कहा है कि इस मामले को तूल देने वाले राजनीतिक लोग हैं और राजनीतिक द्वेष से गलत प्रचार कर रहे हैं। लेकिन ट्रस्ट ने यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिर 5 मिनट पहले 2 करोड़ में खरीदी गई जमीन ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ में क्यों और कैसे खरीद ली।


इससे पहले ट्रस्ट की बैठक खत्म कर बाहर निकले ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने पत्रकारों से बातचीत में पूरे मामले पर अजीब सी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में कोई जवाब नहीं देंगे। जब उनसे पत्रकारों ने कहा कि ट्रस्ट पर आरोप है कि उसने 2 करोड़ की जमीन सिर्फ 5 मिनट बाद ही साढ़े अठारह करोड़ में खरीदी तो चंपत राय ने कहा, "हम पर तो गांधी जी की हत्या का भी आरोप लगा है...हम पर तो सौ साल से आरोप लग रहे हैं.... ।" चंपत राय के इस बयान का वीडियो शेयर करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा है कि, "सीधा जवाब देने के बजाय ट्रस्ट के मुखिया बेतुके तर्क दे रहे हैं...।"

वहीं इस मामले को मीडिया के सामने लाने वाले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय ने ट्रस्ट की तरफ से आए बयान पर प्रतिक्रिया में कहा है कि, "ट्रस्ट ने कहा “वहाँ ज़मीन महँगी है” झूठ पकड़ा गया ज़मीन की मालियत 5 करोड़ 80 लाख है ये ज़मीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को 2 करोड़ में मिल जाती है तो 5 मी. बाद ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में क्यों मिली? क्या 5.50 लाख रु प्रति सेकेंड ज़मीन महँगी हो सकती है?"


इससे पहले यूपी के पूर्व मंत्री और सपा नेता तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय और आप पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि ट्रस्ट द्वारा 10 मिनट पहले खरीदी गई दो करोड़ की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18.5 करोड़ रुपये में करा लिया गया। आरोप लगाया गया कि बैनामा व रजिस्ट्री एक ही दिन हुई और दोनों में गवाह रहे ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व अयोध्या महापौर ऋषिकेश उपाध्याय। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप कर सीबीआई जांच की मांग की।

पवन पांडेय ने आरोप लगाया कि अयोध्या के बाग बिजेस्वर में 12080 वर्ग मीटर जमीन का बैनामा इसी साल 18 मार्च, 2021 को शाम 07:05 बजे बाबा हरिदास ने व्यापारी सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी को दो करोड़ रुपये में किया था। 10 मिनट बाद 7:15 बजे इसी भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ में करा लिया। ट्रस्ट ने 17 करोड़ रुपये सुल्तान व रवि मोहन के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब पहले से ही इस जमीन का रेट ट्रस्टी व महापौर को मालूम था तो ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई कि दो करोड़ में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में खरीदना पड़ा।

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