गिरफ्तारी से डरे रामदेव ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, देश भर में दर्ज सभी केस में राहत की मांग की

रामदेव ने कुछ दिन पहले कोरोना के इलाज में एलोपैथी की प्रभावकारिता को लेकर डॉक्टरों की कथित तौर पर आलोचना की थी। जिसे लेकर देश भर में आईएमए के बैनर तले डॉक्टरों ने विरोध दर्ज कराया था और कई जगहों पर रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दिया था।

फाइल फोटोः GettyImages
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नवजीवन डेस्क

योग गुरु रामदेव ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए एलोपैथी पर अपनी कथित टिप्पणियों को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। साथ ही उन्होंने इस मामले में दर्ज सभी एफआईआर को दिल्ली की एक अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की है।

रामदेव ने संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत रिट याचिका दायर कर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की विभिन्न इकाइयों द्वारा दर्ज एफआईआर में कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। दरअसल रामदेव ने कुछ दिन पहले कोरोना के इलाज में एलोपैथी की प्रभावकारिता को लेकर डॉक्टरों की कथित तौर पर आलोचना की थी। जिसे लेकर देश भर में आईएमए के बैनर तले डॉक्टरों ने विरोध दर्ज कराया था।


इसके बाद आईएमए की पटना और रायपुर इकाइयों ने रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी। आईएमए की छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा दी गई शिकायत पर भी रामदेव के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे। वहां, रामदेव पर आईपीसी की धारा-188, 269, 504 सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

आईएमए के अनुसार, पिछले एक साल से योग गुरु रामदेव एलोपैथी चिकित्सा बिरादरी, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), भारत सरकार और अन्य फ्रंट लाइन संगठनों द्वारा कोरोना संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल ही रही दवाओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं का प्रचार कर रहे हैं। शिकायत में सोशल मीडिया पर रामदेव के कई वीडियो का भी हवाला दिया गया है।

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