कर्नाटक: CM सिद्दारमैया बोले- दलितों के हितों की रक्षा के लिए पीटीसीएल एक्ट में संशोधन को तैयार

सिद्दारमैया ने कहा, "दलितों के भूमि अधिकारों के हस्तांतरण पर रोक को प्रभावी ढंग से लागू करने के संबंध में हमारी सरकार किसी भी दबाव में नहीं आएगी। हम इस संबंध में अपनी चिंता पर कोई समझौता नहीं करेंगे।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार दलित समुदाय के भूमि अधिकारों के हस्तांतरण पर रोक को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए किसी दबाव में नहीं आएगी। मुख्‍यमंत्री ने कहा, "दलितों के भूमि अधिकारों के हस्तांतरण पर रोक को प्रभावी ढंग से लागू करने के संबंध में हमारी सरकार किसी भी दबाव में नहीं आएगी। हम इस संबंध में अपनी चिंता पर कोई समझौता नहीं करेंगे।"

मुख्यमंत्री ने सोमवार को विभिन्न संगठनों, मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और कानून विशेषज्ञों के साथ पीटीसीएल (कर्नाटक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (कतिपय भूमि के हस्तांतरण पर प्रतिबंध) अधिनियम) में संशोधन लाने के संबंध में एक बैठक की अध्यक्षता की और मामले पर चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि हाल ही में पेश किए गए राज्य के बजट में दलितों के जमीन के अधिकार के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई गई है।


सिद्दारमैया ने कहा कि यह बैठक समुदाय के नेताओं की राय जानने के लिए बुलाई गई है और राज्य सरकार मौजूदा विधानमंडल सत्र में यह संशोधन लाने का इरादा रखती है। उन्‍होंने कहा, "बार-बार मुकदमेबाजी न हो और पीटीसीएल अधिनियम की मंशा प्रभावी ढंग से पूरी हो। जिन लोगों ने जमीन खोई है उन्हें अदालतों में धक्के नहीं खाने पड़ें। इसलिए दलित नेताओं और वकीलों की राय मांगी गई है। कानूनी विशेषज्ञों की राय भी लेंगे।"

राजस्व मंत्री कृष्णा बैरेगौड़ा और अन्य मंत्रियों में एच.सी. महादेवप्पा, एच.के. पाटिल, जी. परमेश्वर, के.एच. मुनियप्पा, सतीश जराकिहोली, प्रियांक खड़गे, शिवराज तंगदागी, नागेंद्र, के.एन. राजन्ना, आर.बी. तिम्मापुरा और कर्नाटक सरकार की मुख्य सचिव वंदिता शर्मा, समाज कल्याण विभाग के सचिव पी. मणिवन्नन, महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न संगठनों के नेता और दलित समुदाय के वकील बैठक में उपस्थित थे।

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