‘रेमल’ भाीषण चक्रवाती तूफान में बदला, आज रात बंगाल के तट पर देगा दस्तक, तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश शुरू

तूफान का असर दिखना शुरू हो गया है। हवाएं तेज होती जा रही हैं और हल्की बारिश भी शुरू हो गई है। समुद्र में तेज लहरे उठने लगी हैं। चक्रवात के आगे बढ़ने के साथ ही हवा और तेज होती जाएगी और बारिश की मात्रा भी बढ़ती जाएगी।

‘रेमल’ भाीषण चक्रवाती तूफान में बदला, आज रात बंगाल के तट पर देगा दस्तक
‘रेमल’ भाीषण चक्रवाती तूफान में बदला, आज रात बंगाल के तट पर देगा दस्तक
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नवजीवन डेस्क

बंगाल की खाड़ी से उठा तूफान ‘रेमल’ भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और इसके आज आधी रात तक पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर दस्तक देने का अनुमान है। इस बीच बंगाल के तटीय इलाकों में तूफान का असर दिखना शुरू हो गया है। हवाएं तेज होती जा रही हैं और हल्की बारिश भी शुरू हो गई है। समुद्र में तेज लहरे उठने लगी हैं। चक्रवात के आगे बढ़ने के साथ ही हवा और तेज होती जाएगी और बारिश की मात्रा भी बढ़ती जाएगी।

मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि ‘रेमल’ के तटों पर पहुंचने पर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और उनका वेग 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगा। चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा और कोलकाता एवं आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। मौसम कार्यालय ने बताया कि ‘रेमल’ उत्तर की ओर बढ़ रहा है और रविवार आधी रात तक मोंगला बंदरगाह के दक्षिण-पश्चिम के निकट सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) और खेपुपारा (बांग्लादेश) के बीच तटों को पार करने से पहले इसके और तेज होने की संभावना है।

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चक्रवात को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं। कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने चक्रवात ‘रेमल’ के संभावित प्रभाव के कारण रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान संचालन निलंबित करने का फैसला किया है। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मिलाकर कुल 394 उड़ान प्रभावित होंगी। कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह में भी चक्रवात के पूर्वानुमान के कारण रविवार शाम से 12 घंटे के लिए माल एवं कंटेनर प्रबंधन परिचालन निलंबित रहेगा।

उधर, प्रशासन ने चक्रवात से होने वाले नुकसान सेे निपटने के लिए कमर कस लिया है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। सुंदरवन के प्रत्येक ब्लॉक में 12 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया दल पहले से ही तैयार हैं। संदेशखाली हिंगलगंज क्षेत्र पर अतिरिक्त ध्यान है। सिंचाई, विद्युत और स्वास्थ्य विभाग ने भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। पीने के पानी के 50 हजार पैकेट की व्यवस्था की गई है। सूखे भोजन के पैकेट पर्याप्त मात्रा में स्टोर किए गए हैं। कुछ लोगों को स्कूलों और राहत शिविरों में ले जाया गया है।

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सुंदरवन इलाके के लोग चिंतित हैं। पिछले दिनों सुंदरवन के सीमांत इलाकों के लोगों ने अम्फान, आइला, बुलबुल जैसे चक्रवातों को हुए नुकसान को अपनी आंखों के सामने देखा है। ऐसे में प्रशासन उनकी चिंता को ध्यान में रखते हुए उन्हें जहां सचेत कर रहा, वहीं उनको सुरक्षित रहने का विश्वास भी दिला रहा है। स्थानीय निवासी रेणुका मंडल और नमिता मंडल ने कहा कि पहले आए तूफानों से उनकी जमीन, मछली के बाड़ों और घरों को भारी नुकसान पहुंचा है, पूरा सुंदरवन पीड़ित है। मुझे महीनों के लिए गांव छोड़ना पड़ा। घर नष्ट होने के बाद भी कई परिवारों को मुआवजा नहीं मिला। ऐसे में वे लोग डरेे हुए हैं। चक्रवात की आशंका में चिंतित हैं।

राज्य के पूर्वी मेदिनीपूर और दीघा इलाके में भी मौसम करवट ले रहा है, बारिश और हवा तेज होती जा रही है। इलाके के लोग चक्रवात को लेकर चिंतित हैं। उधर, हिंगलगंज के बीडीओ देवदास गांगुली ने कहा कि प्रशासन की ओर से तूफान से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। हम लोगों को पूरी तरह आश्वस्त कर रहे हैं कि उन्हें कुछ नहीं होगा, लेकिन अपने पूर्व के अनुभवों को देखते हुए लोग डरे, सहमे हैं।

यह मॉनसून से पहले के मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है। मौसम कार्यालय ने पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में 26-27 मई को अत्यधिक भारी वर्षा होने चेतावनी जारी की है। असम और मेघालय में भी अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है। मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। चक्रवात के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने पर 1.5 मीटर तक की तूफानी लहर के कारण निचले इलाकों में पानी भर जाने की आशंका है। मौसम कार्यालय ने मछुआरों को सोमवार सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है।

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