कोरोना संकट पर देश के तीन बड़े डॉक्टरों की राय- रेमडेसिविर जादू की गोली नहीं, ऑक्सीजन का विवेकपूर्ण उपयोग हो

भयावह होते कोरोना संकट पर आज देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी राय रखी। चर्चा में तीनों डॉक्टर्स ने कोरोना वायरस की भयावहता, इसके संक्रमण, इलाज और फिर कोरोना वैक्सीन को लेकर भी अपनी बात रखी।

फोटोः ANI
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नवजीवन डेस्क

देश में कोरोना महामारी हर नए दिन के साथ भयावह रूप लेती जा रही है। पूरे देश में रोजाना लाखों लोगों के संक्रमित होने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड कम पड़ते जा रहे हैं, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की भारी किल्लत होती जा रही है। इसे लेकर लोगों में भारी दहशत का आलम है। हालात को देखते हुए देश के तीन बड़े डॉक्टर्स ने आज साझा प्रेस कांफ्रेंस कर कोरोना पर लोगों को जानकारी दी। इनमें दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया, नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी और मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन शामिल रहे।

चर्चा की शुरुआत में नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉ देवी शेट्टी ने कहा कि अगर किसी को कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। अपने डॉक्टर से बात करें और जितनी जल्दी हो सके अपना कोरोना टेस्ट करा लें। उन्होने कहा कि अगर आप पॉजिटिव आते हैं तो इसमें भी घबराने की बात नहीं है। अगर स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं है, तो घर पर रहकर इलाज कराएं। डॉ शेट्टी ने कहा कि ऑक्सीजन लेवल 94 से कम होने पर डॉक्टघर से बात करें। उन्होंने कहा कि कोरोना अब कॉमन हो चुका है।


इस दौरान मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत खुद को आइसोलेट करना चाहिए और टेस्ट कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर हड़बड़ाकर अस्पताल न भागें। हल्के लक्षण होने पर घर में क्वा रंटीन हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऑक्सी जन लेवल में उतार-चढ़ाव हो रहा है तो अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं। इसके साथ ही डॉ त्रेहन ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शऩ कोरोना में 'रामबाण' नहीं है। उन्होंने कहा कि यह केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करता है, जिन्हें इसकी आवश्यकता होती है।

वहीं, चर्चा में शामिल एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के 85% से अधिक मरीज रेमेडिसविर जैसी विशेष दवाओं या खास इलाज के बिना ठीक हो रहे हैं। अधिकांश लोगों में सामान्य सर्दी, गले में खराश आदि जैसे लक्षण हैं और वे घर पर ही सामान्य उपचार से 5 से 7 दिनों में ठीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग जो घर में आइसोलेट या अस्पताल में हैं, उनको घबराना नहीं है।

डॉ गुलेरिया ने आगे कहा कि रेमेडिसिविर को कोई जादू की गोली न समझें। बहुत कम लोगों को रेमेडिसिविर की आवश्यकता होती है। इसी तरह ऑक्सीजनन को लेकर भी उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन एक उपचार है, कोई दवा नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हम ऑक्सीजन और रेमेडिसिविर का विवेकपूर्ण उपयोग करेंगे तो देश में कहीं भी इनकी कोई कमी नहीं होगी।


प्रेस कांफ्रेंस में देश के तीनों बड़े डॉक्टरों ने अपील की है कि सभी लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझें। जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें, सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करें, बार-बार हाथ धोएं। साथ ही लोगों से आग्रह किया कि डॉक्टर की सलाह पर ही दवाइयां लें और अपने खान-पान का ध्यान रखें। खासकर गर्मी के मौसम के हिसाब से लिक्विड डायट लगातार लेते रहें।

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Published: 21 Apr 2021, 7:23 PM