राज्यसभा उपसभापति पद को लेकर एनडीए में फूट, हरिवंश के नाम की चर्चा के बाद सामने आया अकाली और शिवसेना का गुस्सा

राज्यसभा के उपसभापति पद पर जेडीयू के हरिवंश का नाम सामने आने के बाद एनडीए में फूट पड़ती नजर आ रही है। अकाली दल और शिवसेना ने खुलकर इस मुद्दे पर विरोध जताया है। अकाली दल तो मतदान वाले सदन से गैरहाजिर भी रह सकता है, जिससे एनडीए उम्मीदवार को दिक्कत होगी, क्योंकि राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राज्यसभा उपसभापति के लिए एनडीए के उम्मीदवार के तौरपर जेडीयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह का नाम सामने आने के बाद एनडीए के सहयोगी दलों में फूट पड़ती नजर आ रही है। अकाली दल ने खुलकर इसका विरोध किया है, तो शिवसेना इस बात पर खफा है कि उससे सलाह क्यों नहीं ली गई। राज्यसभा उपसभापति पद के लिए 9 अगस्त को वोटिंग होनी है। दूसरी तरफ एनडीए को मात देने के लिए विपक्ष संयुक्त रूप से अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने की तैयारी कर रहा है।

एक अखबार के मुताबिक जेडीयू सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्यसभा उपसभापति पद के लिए हरिवंश के नाम पर विचार-विमर्श के बाद ही उन्हें उम्मीदवार बनाया जा रहा है। लेकिन उनका नाम सामने आते ही एनडीए में दोफाड़ नजर आ रहा है। सबसे पहला विरोध अकाली दल ने किया है। सूत्रों के मुताबिक अकाली दल को उम्मीद थी कि राज्यसभा में एनडीए का उपसभापति का उम्मीदवार उनकी ही पार्टी का होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अकाली दल की तरफ से नरेश गुजराल के नाम की चर्चा थी।

सूत्रों का कहना है कि सोमवार को केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के घर पर हुई अकाली दल संसदीय दल की बैठक में पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक में उपसभापति पद पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को फिर से बैठक होगी और हो सकता है कि अकाली दल 9 अगस्त को राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव में गैरहाजिर भी रहे।

दूसरी तरफ शिवसेना ने भी अपनी नाराजगी जताई है। सूत्रों का कहना है कि शिवसेना भी इस बात से नाराज है कि उम्मीदवार की घोषणा किए जाने से पहले ना तो उससे और ना अकाली दल से उम्मीदवारी को लेकर कोई चर्चा की गई। शिवसेना इस बात से भी नाराज है कि पहले जब अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल का नाम एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर तय हो गया था, तो अंतिम समय में जेडीयू सांसद हरिवंश के नाम की घोषणा क्यों की गई।

गौरतलब है कि राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है, फिर भी वह उपसभापति का पद विपक्ष को नहीं देना चाहती, इसी कवायद में वह इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रही है।

उधर, बीजेपी को रोकने के लिए समूचा विपक्ष संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। हालांकि इस पद के लिए अभी किसी नाम का ऐलान नहीं किया गया है।

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Published: 07 Aug 2018, 8:04 AM