इसरो ने आरआईएसएटी-2बी का किया सफल प्रक्षेपण, आंतरिक सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में इससे मिलेगी मदद

इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि रिसैट-2बी का प्रक्षेपण पीएसलवी-सी 46 से किया गया है। पीएसलवी-सी 46 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 5:30 बजे प्रक्षेपित किया गया। ‘आरआईएसएटी-2बी’ आकाश से भारत की खुफिया क्षमताओं को और मजबूत करेगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन ने श्रीहरिकोटा से भारत का पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट आरआईएसएटी-2बी को लॉन्च कर दिया । लॉन्च करने करीब 15 मिनट के बाद रॉकेट 'आरआईएसएटी-2बी' को यहां से लगभग 555 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित कर दिया। इसरो के अनुसार, इस सैटेलाइट का जीवन पांच साल का है।

इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि रिसैट-2बी का प्रक्षेपण पीएसलवी-सी 46 से किया गया है। पीएसलवी-सी 46 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 5:30 बजे प्रक्षेपित किया गया। ‘आरआईएसएटी-2बी’ आकाश से भारत की खुफिया क्षमताओं को और मजबूत करेगा, वहीं इसरो ने इस संदर्भ में कोई जवाब नहीं दिया।


भारत की एक अन्य 'आरआईएसएटी-2बीआर' नाम के रडार इमेज सैटेलाइट को भी इसी साल लॉन्च करने की योजना है। इसरो के अनुसार, 'आरआईएसएटी-2बी' का उपयोग कृषि, वन विज्ञान और आपदा प्रबंधन में किया जाएगा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया , “सामरिक क्षेत्रों के लिए उपग्रहों की मांग बढ़ गई है। लगभग छह/सात उपग्रहों को बनाने की योजना है।”


आरआईएसएटी-2बी के साथ बुधवार को प्रक्षेपित 44.4 मीटर लंबा पीएसएलवी स्ट्रैप-ऑन मोटरों के बिना वाला अकेला वेरिएंट है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के पास पीएसएलवी के दो और चार स्ट्रैप-ऑन मोटर्स और बड़े पीएसएलवी-एक्सएल हैं।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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