झारखंड चुनाव में आरजेडी को खल रही लालू यादव की कमी, लेकिन कार्यकर्ताओं में उत्साह बरकरार

झारखंड चुनाव में इस बार आरजेडी को लालू प्रसाद यादव की कमी अखर रही है, ऐसे में पार्टी ने पूरी ताकत से राज्य में अपना प्रचार जारी रखा है।

फोटो : सोशल मीडिया
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आईएएनएस

बिहार में सियासत की एक धुरी माने जाने वाली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को पार्टी संस्थापक लालू प्रसाद यादव की कमी अखर रही है। ऐसे में पार्टी नेताओं के सामने झारखंड में पार्टी का किला बचाने की चुनौती है। बिहार से अलग झारखंड राज्य बनने के बाद यहां आरजेडी की पहचान मजबूत पार्टी के तौर पर रही है, लेकिन लालू यादव की गैर मौजूदगी के चलते अब पार्टी को दिक्कत हो रही है।

ध्यान रहे कि इस विधानसभा चुनाव में आरजेडी एक बार फिर पूरी ताकत के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी है। आरजेडी इस बार गठबंधन के साथ सात सीटों पर चुनाव मैदान में है। पार्टी ने हुसैनाबाद, चतरा, छतरपुर, कोडरमा, बरकठ्ठा, देवघर और गोड्डा से अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।

वर्ष 1995 में झारखंड (उस समय बिहार राज्य का हिस्सा था) में 14 सीटें तक जीती थी, मगर झारखंड बनने के बाद से आरजेडी के जनाधार में थोड़ी कमी आई है। पिछले चुनाव में आरजेडी का खाता नहीं खुला था, लेकिन उस समय देश में मोदी लहर थी, जो अब अपनी उम्र पूरी कर चुकी है।

आरजेडी के एक नेता कहते हैं कि पार्टी को नेताओं का साथ कभी नहीं मिला। उन्होंने कहा इस साल हुए लोकसभा चुनाव के पहले आरजेडी अध्यक्ष रहीं अन्नपूर्णा देवी पार्टी छोड़कर बीजेपी में चली गईं और कोडरमा से सांसद बन गईं। इसी तरह गिरिनाथ सिंह पार्टी छोड़कर अन्यत्र चले गए।

लेकिन इस चुनाव में आरजेडी पूरी ताकत के साथ अपनी खोई जमीन वापस लाने के लिए पसीना बहा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह कहते हैं कि इस चुनाव में पार्टी ने पांच ऐसी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जो सीटें 2009 के चुनाव में पार्टी के कब्जे में थी। सिंह भी मानते हैं कि इस चुनाव में लालू प्रसाद की कमी अखर रही है। उनके जैसा कोई स्टार प्रचारक नहीं है।


आरजेडी ने फिलहाल 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है, इसमें लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को भी जगह दी गई है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष सिंह कहते हैं, "पार्टी को लालू प्रसाद जैसे स्टार प्रचारक की कमी पिछले चुनाव से ही खल रही है। पार्टी को अभी तक उनके बराबर का नेता नहीं मिल पाया है। चुनावों में लालू प्रसाद को सुनने के लिए हर वर्ग के लोगों की भीड़ होती थी।"

झारखंड में विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव हो लालू का जलवा देखने के लिए उनकी चुनावी सभाओं में काफी भीड़ रहती थी। फिलहाल लालू प्रसाद यादव रांची की एक जेल में हैं। और स्वास्थ्य कारणों से वह रिम्स में भर्ती हैं। पार्टी के नेता-कार्यकर्ता जेल के नियम के मुताबिक उनसे मिलते हैं और रणनीतियां तय करते हैं, लेकिन नेताओं और कार्यकर्ताओं को कसक है कि इस चुनाव में लालू प्रसाद नहीं हैं।

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