जातीय जनगणना पर बदले RSS के सुर! बोला- समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए हो इसका उपयोग

संघ ने कहा कि यह सच है कि विभिन्न ऐतिहासिक कारणों से समाज के अनेक घटक आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ गए। उनके विकास, उत्थान और सशक्तिकरण की दृष्टि से विभिन्न सरकारें समय-समय पर अनेक योजनाएं और प्रावधान करती हैं, जिनका संघ पूर्ण समर्थन करता है।

जातीय जनगणना पर बदले RSS के सुर!
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नवजीवन डेस्क

बिहार में नीतीश सरकार द्वारा कराए जातीय जनगणना का लगातार विरोध करने वाली बीजेपी के पैतृक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जाति आधारित जनगणना पर अपने सुर बदल लिए हैं। संघ ने कहा है कि इसका उपयोग समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए हो और यह करते समय सभी पक्ष सुनिश्चित करें कि किसी भी कारण से सामाजिक समरसता और एकात्मता खंडित ना हो।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने जातीय जनगणना को लेकर संघ की स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक बयान जारी किया है। बयान में आंबेकर ने कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी भी प्रकार के भेदभाव और विषमता से मुक्त समरसता एवं सामाजिक न्याय पर आधारित हिन्दू समाज के लक्ष्य को लेकर सतत कार्यरत है।"


सुनील आंबेकर ने आगे कहा, "यह सत्य है कि विभिन्न ऐतिहासिक कारणों से समाज के अनेक घटक आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ गए। उनके विकास, उत्थान और सशक्तिकरण की दृष्टि से विभिन्न सरकारें समय-समय पर अनेक योजनाएं और प्रावधान करती हैं, जिनका संघ पूर्ण समर्थन करता है।"

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर ने आगे कहा, "पिछले कुछ समय से जाति आधारित जनगणना की चर्चा पुनः प्रारंभ हुई है। हमारा यह मत है कि इसका उपयोग समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए हो और यह करते समय सभी पक्ष यह सुनिश्चित करें कि किसी भी कारण से सामाजिक समरसता एवं एकात्मता खंडित ना हो।"

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