बीजेपी से जुड़े हैं उन्नाव केस के आरोपी, इसलिए नहीं हुई कार्रवाई? अखिलेश बोले- वो तो कहते थे ठोक देंगे...

उन्नाव गैंगरेप की पीड़िता का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में देर रात निधन हो गया। इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। मामले में योगी सरकार ने आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द से जल्द सजा दिलाने की बात कही है, तो दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठे गए हैं। इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर उन्नाव की ओर अपना रुख किया है।

अखिलेश यादव के साथ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और राजेन्द्र चौधरी भी धरने पर हैं। इस दौरान अखिलेश ने मीडिया से कहा, "उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री, गृह सचिव, डीजीपी के हटे बिना बेटियां सुरक्षित नहीं हो सकतीं।"


उन्होंने कहा, "हैदराबाद की घटना के बाद से गुस्से में था। इसके बाद उन्नाव की घटना। उन्नाव में जो हुआ, वह बीजेपी के शासन में यह पहली घटना नहीं है। वह बेटी बहुत बहादुर थी और उसकी आखिरी शब्द थे कि वह जिंदा रहना चाहती है। आज हमारे लिए काला दिवस है। एक बेटी को यूपी में न्याय पाने के लिए आत्मदाह करना पड़ा।"

उन्होंने कहा, "याद कीजिए उन्नाव की एक बेटी ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आकर खुद की जान देने की कोशिश की थी। बाराबंकी की बेटी ने आत्मदाह कर लिया, उसकी जान नहीं बची।" अखिलेश यादव ने कहा कि उन्नाव की बेटी की जान नहीं बचाई जा सकी।

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जिन लोगों पर आरोप लगे हैं वो भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोग हैं। जब उसका पूरा शरीर जला तो वो भागी ताकि लोग उसकी गुहार सुनें। भारतीय जनता पार्टी सरकार पहले दिन से कह रही थी कि कानून-व्यवस्था ठीक की जाएगी। इसी सदन में मुख्यमंत्री ने कहा था। मुख्यमंत्री कहते हैं कि जो अपराध करेंगे उन्हें ठोक दिया जाएगा। लेकिन क्या वजह है, क्या कारण है कि अपराधी यहीं पर हैं। जो बात सदन में कही गई हो। उसके बाद भी सरकार एक बेटी की जान नहीं बचा पाई। बीजेपी सरकार में ना बेटियां सुरक्षित हैं, न सड़क पर बेटियों का सम्मान है। क्या यही भारतीय जनता पार्टी का नारा था।

गौरतलब है कि गुरुवार को जिंदा जलाए जाने के बाद दुष्कर्म पीड़िता को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था। वह 90 प्रतिशत तक जल चुकी थी।


अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया, "हमारे पूरे प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। शाम में उसकी हालत खराब होने लगी। रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा। हमने बचाने की कोशिश की, लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई।"

अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पीड़िता के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के फोरेंसिक विभाग को सौंप दिया गया है। इसके बाद उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जाएगी।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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