अडानी का समधी बैंकों का 7000 करोड़ रुपए लेकर भागा, पर मोदी सरकार की कार्रवाई ‘निल बटे सन्नाटा’: कांग्रेस

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश के 7000 करोड़ डकार कर भागे गौतम अडानी के समधी जतिन मेहता के तार मॉन्टेरोसा नाम की कंपनियों के समूह से जुड़े हैं, जो मॉरीशस स्थित शेल कंपनियों की मालिक है। ये वही शेल कंपनियां हैं जिन्होंने अडानी समूह में बेनामी पैसा लगाया है।

अडानी के समधी को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछे सवाल
अडानी के समधी को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछे सवाल
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने आज एक बार फिर गौतम अडानी को लेकर पीएम मोदी और उनकी सरकार को घेरा। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार और उसका सारा तंत्र उद्योगपति गौतम अडानी को भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की हर आंच से बचाने में लगी है, इसीलिए बैंकों का 7000 करोड रुपए डकार कर विदेश भागने वाले कारोबारी और अडानी के समधी जतिन मेहता के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बाल भी बांका नहीं कर सका है।

इस मामले पर आज दिल्ली में प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पीएम मोदी की नाक के नीचे से गौतम अडानी के समधी जतिन मेहता देश के 7000 करोड़ डकार कर भाग गए और दूसरे देश की नागरिकता बी ले ली। उन्होंने कहा कि मेहता के तार मॉन्टेरोसा नाम की कंपनियों के समूह से जुड़े हैं, जो मॉरीशस स्थित शेल कंपनियों का मालिक है। यह वही शेल कंपनियां हैं जिन्होंने अडानी समूह में बेनामी पैसा लगाया हुआ है।

श्रीनेत ने कहा कि अडानी की काली करतूतों के बारे में हम लगातार इस मंच से सच बता रहे हैं और इतने बड़े घोटाले की जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार का सारा तंत्र हर मान मर्यादा को ताक पर रख कर अडानी के बचाव में लगा हुआ है, पर सच को छुपाया नहीं जा सकता और वह हर तरफ से निकल रहा है। अब आज हम आपको अडानी के समधी की कहानी बताएंगे और बताएंगे कि कैसे इन सब भगोड़ों के तार अडानी से जुड़े हैं और इसीलिए मोदी जी और उनकी सरकार आंख पर पट्टी बांध कर चोरों का बचाव कर रही है।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जतिन मेहता का नाम सब ने सुना होगा। वही जिन्होंने करीब 7000 करोड़ का गबन किया और फिर मोदी जी की नाक के नीचे से देश छोड़ कर भाग गए। वह अडानी परिवार के समधी हैं, उनकी बेटी विनोद अडानी की बहू हैं। जतिन मेहता की तीन कंपनियों- 'विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी लिमिटेड', 'फॉरएवर प्रेशियस ज्वैलरी एंड डायमंड्स लिमिटेड' और 'सु-राज डायमंड्स' ने पंजाब नेशनल बैंक सहित भारत के अन्य सरकारी बैंकों को ₹6,712 करोड़ का चूना लगाया और फिर मेहुल भाई और नीरव मोदी जैसे बाक़ी भगोड़ों की तरह आसानी से देश से भाग खड़े हुए।


कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जतिन मेहता और उनकी पत्नी ने 2 जून, 2016 को भारतीय नागरिकता छोड़ दी और कैरेबिया में अंतर्राष्ट्रीय टैक्स हेवेन, सेंट किट्स और नेविस के नागरिक के रूप में बस गए, जिनके साथ सरकार की कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। फिलहाल यूके में अंतराष्ट्रीय बैंकों द्वारा जतिन मेहता पर केस चलाया जा रहा है, जिसका भारतीय जांच एजेंसी और कानून प्रणाली से कोई लेना-देना नहीं है। तो मोदी सरकार ने इनके ख़िलाफ़ क्या किया? जवाब है- कुछ नहीं।

श्रीनेत ने कहा कि जतिन मेहता की कहानी ये है कि इन्होंने मेहुल भाई और नीरव मोदी की तरह ही भारतीय बैंकों के लेटर ऑफ क्रेडिट पर सोने का आयात किया और फिर दुबई में 13 कंपनियों को आभूषण निर्यात किए, जिन्होंने भुगतान करने से इनकार कर दिया और यह पैसा डूब गया। फिर पता चलता है कि यह 13 कंपनियां जॉर्डन के नागरिक हेथम सलमान अली अबु ओबैदाह के नाम पर हैं, लेकिन उन कंपनियों का असली मालिक जतिन मेहता और उसका परिवार ही था।

इस पूरे मामले में एक और बड़ा खुलासा यह है कि जतिन मेहता और मॉन्टेरोसा नाम की कंपनियों के समूह के बीच में भी लिंक है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार मॉन्टेरोसा समूह मॉरीशस स्थित शेल कंपनियों का मालिक है। यह वही शेल कंपनियां हैं जिन्होंने अडानी समूह में भारी निवेश किया है। ये निवेश हाल के महीनों में गहन जांच के दायरे में आए हैं, क्योंकि वही सवाल जिसका जवाब नहीं मिल रहा अभी भी वही है कि यह 20,000 करोड़ किसके हैं?


सुप्रिया श्रीनेत ने कहा इस पूरे मामले पर हमारे 3 ज्वलंत सवाल हैः

1. जतिन मेहता को कौन बचा रहा है? क्या राज है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परम मित्र गौतम अडानी के समधी जतिन मेहता का कोई बाल भी बांका नहीं कर पाया?

2. क्या कारण है कि जब जतिन मेहता और उनकी कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी को रोकने और कार्रवाई करने की बात आती है तो पूरी मोदी सरकार, सभी अधिकारियों सहित, सोई हुई पाई जाती है?

3. सीबीआई ने 5 अप्रैल, 2017 को यानी साढ़े 3 साल की देरी के बाद एफआईआर क्यों दर्ज की, जबकि बैंकों ने फरवरी, 2014 की शुरुआत में ही सीबीआई के पास शिकायत दर्ज कराई थी।

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