संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 से 28 मॉर्च तक आंदोलन का खाका बनाया, 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि 15 मार्च को कॉरपोरेट विरोधी और निजीकरण विरोधी दिवस और 19 मार्च को मुजारा लहर मनाया जाएगा। फिर 23 मार्च को शहीदी दिवस पर देश भर के नौजवान किसानों के धरने में शामिल होंगे और 28 मार्च को होली दहन में नए कृषि कानून जलाए जाएंगे।

फोटो सौजन्यः पीटीसी पंजाबी
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नवजीवन डेस्क

केंद्र के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को 105 दिन होने पर बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन को आगे बढ़ाने की रूपरेखा तैयार की गई, जिसमें सरकार पर दबाब बनाने के लिए 15 मार्च से 28 मार्च तक आंदोलन का खाका तैयार किया गया है। रुपरेखा के तहत संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मार्च को आंदोलन के 4 महीने पूरे होने पर भारत बंद का आह्वान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, 17 मार्च को मजदूर संगठनों और अन्य जन अधिकार संगठनों के साथ 26 मार्च के प्रस्तावित भारत बंद को सफल बनाने के लिए एक कन्वेंशन किया जाएगा। मोर्चा ने कहा कि 15 मार्च को कॉरपोरेट विरोधी दिवस और सरकार विरोधी दिवस मनाया जाएगा, जिसमें डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दामों के खिलाफ डीएम और एसडीएम को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

कार्यक्रम के अनुसार, उसी दिन देश भर के रेलवे स्टेशनों पर मजदूर संगठनों के साथ निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद 19 मार्च को मुजारा लहर का दिन मनाया जाएगा और एफसीआई और खेती बचाओ कार्यक्रम के तहत देश भर की मंडियों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। फिर 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर देश भर के नौजवान दिल्ली सीमा पर किसानों के धरनों में शामिल होंगे। अंत में 28 मार्च को देश भर में होली दहन में नए कृषि कानून जलाए जाएंगे।

गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा संसद से पास कराए गए तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसान पिछले साल 26 नवंबर से राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। अब तक इस आंदोलन के दौरान 280 से ज्यादा किसानों की मौत भी हो चुकी है। वहीं मुद्दे के हल के लिए सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है। सरकार अपने रवैये पर कायम है और बार-बार कह चुकी है कि वो इन कानूनों को वापस नहीं लेगी।

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