संजय राउत का दावा- NDA को उपराष्ट्रपति चुनाव में संख्याबल पर भरोसा नहीं, विपक्ष से कर रहा है संपर्क

राउत ने कहा कि जब राधाकृष्णन झारखंड के राज्यपाल थे, तब सीएम हेमंत सोरेन को राजभवन के अंदर ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने तब किसी भी संवैधानिक मानदंड का पालन नहीं किया। राउत ने कहा कि हमारी लड़ाई इस तरह की तानाशाही और इसका समर्थन करने वालों के खिलाफ है।

संजय राउत का दावा- NDA को उपराष्ट्रपति चुनाव में संख्याबल पर भरोसा नहीं, विपक्ष से कर रहा है संपर्क
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नवजीवन डेस्क

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बुधवार को दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेता उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों से संपर्क कर रहे हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन अपने बहुमत को लेकर आश्वस्त नहीं है। राउत ने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) की संख्यात्मक ताकत बहुत कम नहीं है।

विपक्ष ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी नीत एनडीए के प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होगा। इसी को लेकर दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में संजय राउत ने कहा, ‘‘एनडीए के पास (संसद में) बहुमत है... फिर भी, सत्तारूढ़ पक्ष के वरिष्ठ नेताओं ने ‘इंडिया’ के नेताओं से संपर्क किया और उनसे राधाकृष्णन को वोट देने का अनुरोध किया।’’


राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘यदि आपके पास बहुमत है, तो आपको ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों से संपर्क करने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है? ऐसा इसलिए है, क्योंकि आपका बहुमत अस्थिर है।’’ संजय राउत ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को महाराष्ट्र के राज्यपाल राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार चुनने से पहले विपक्ष से संपर्क करना चाहिए था। उन्होंने संकेत दिया कि वह सर्वसम्मति से चुने जाने वाले व्यक्ति नहीं हो सकते थे।

संजय राउत ने कहा, ‘‘जब वह (राधाकृष्णन) झारखंड के राज्यपाल थे, तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राजभवन के अंदर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने (राधाकृष्णन) तब किसी भी संवैधानिक मानदंडों का पालन नहीं किया था।’’ राउत ने कहा कि राधाकृष्णन ने ईडी अधिकारियों से यह नहीं कहा था कि वे जो कर रहे हैं, वह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी लड़ाई इस तरह की तानाशाही और इसका समर्थन करने वालों के खिलाफ है।’’

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