पत्नी को ED नोटिस पर संजय राउत की बीजेपी को चेतावनी, घर की महिलाओं को निशाना बना कायरता, देंगे करारा जवाब

शिवसेना नेता ने बीजेपी पर महाराष्ट्र सरकार को स्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले एक साल के दौरान शरद पवार, एकनाथ खडसे और प्रताप सरनाइक को नोटिस मिला और अब मेरा नाम आया हैं। इन सभी ने महाराष्ट्र में सरकार गठन में भूमिका निभाई थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी बैंक) घोटाले में पत्नी वर्षा राउत को समन जारी किये जाने पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि घर की महिलाओं को निशाना बनाना कायरता का काम है, हम किसी से नहीं डरते हैं। साथ ही उन्होंने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि इस देश में बीजेपी में ऐसे कई बड़े-बड़े सूरमा बैठे हैं, अगर मैं उनके परिवार तक पहुंचा तो आपको देश छोड़कर भागना पड़ेगा।

ईडी नोटिस पर संजय राउत ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, “ये सब राजनीति से प्रेरित है, 10 साल पुराना एक केस ईडी ने निकाला है, हम मिडिल क्लास लोग हैं। मेरी पत्नी एक शिक्षिका है, उसने अपने दोस्त से 10 साल पहले 50 लाख का कर्जा लिया था, इसमें ईडी और बीजेपी को क्या तकलीफ है?” उन्होंने दवा किया, “मेरे पास एक साल से बीजेपी के परिवार से कुछ लोग आ रहे हैं, वो बार-बार मुझे ये कहने की कोशिश करते हैं कि ये सरकार हम किसी भी हालत में गिराने वाले हैं, हमारे पास केंद्र की सत्ता है, ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स है।”

शिवसेना नेता ने बीजेपी पर महाराष्ट्र सरकार को स्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले एक साल के दौरान शरद पवार, एकनाथ खडसे और प्रताप सरनाइक को नोटिस मिला और अब आप सभी मेरे नाम पर चर्चा कर रहे हैं। इन सभी लोगों ने महाराष्ट्र में सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये नोटिस महज कागज के टुकड़े हैं, और कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि अगर ईडी अपना काम कर रहा है तो यह कानूनी होना चाहिए, लेकिन अगर अवैध है, तो उसे अधिक सावधान रहना चाहिए।

इस बीच वर्षा राउत को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा समन मिलने पर महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी की सहयोगी सभी पार्टियां संजय राउत के समर्थन में बीजेपी पर हमलावर हो गई हैं। एनसीपी नेता और गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार राजनीतिक विरोधियों में भय पैदा करने के लिए ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, जो एक शर्मनाक बात है। देशमुख ने कहा, जो भी बीजेपी या उसकी नीतियों के खिलाफ बोलने की हिम्मत करता है, उसे ईडी-सीबीआई द्वारा निशाना बनाया जाता है।

वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि जब से बीजेपी ने केंद्र में सत्ता संभाली है, केंद्रीय एजेंसियों को विपक्षी दलों पर इस तरह से निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन हमारी सरकार इस तरह की धमकी से डरने वाली नहीं है। वहीं शिवसेना नेता और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी ईडी नोटिस को राजनीति बताया, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ईडी के नोटिसों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है।

बता दें कि ईडी ने वर्षा राऊत को पूछताछ के लिए 29 दिसंबर को बुलाया है, जिसके बाद 30 दिसंबर को वरिष्ठ एनसीपी नेता एकनाथ खडसे को पेश होने के लिए नोटिस दिया गया है, जिन्होंने पिछले अक्टूबर में बीजेपी छोड़ी है। इसके अलावा एक अन्य वरिष्ठ नेता प्रताप सरनायक और उनके परिवार के खिलाफ भी जांच चल रही है। खडसे को पुणे भूमि सौदे के बारे में समन भेजा गया है, जबकि वर्षा राउत को पीएमसी बैंक से संबंधित एक मामले में पेश होना है। उनको पेश होने के लिए तीसरी बार समन जारी किया गया है। इससे पहले मेडिकल ग्राउंड पर वह दो बार एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुई थीं।

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Published: 28 Dec 2020, 4:22 PM