एसएससी 2017 के अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, परीक्षा परिणाम पर लगी रोक हटी 

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्मचारी चयन आयोग की 2017 में हुए परीक्षा के परिणाम घोषित करने की इजाजत दे दी है। भविष्य में प्रतियोगिता परीक्षाओं को फूलप्रूफ बनाने के उपाय सुझाने के लिए पूर्व जस्टिस जीएस सिंघवी के नेतृत्व में हाई पावर कमिटी का गठन भी किया है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

सुप्रीम कोर्ट ने एसएससी की 2017 के परीक्षा परिणाम पर लगी रोक हटा दी है। इसके अलावा सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए आयोजित किये जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं की प्रक्रिया को फूलप्रूफ बनाने के लिए उपाय सुझाने के सुप्रीम कोर्ट ने एक हाई पावर कमिटी का गठन किया है। 7 सदस्यीय कमिटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जी एस सिंघवी करेंगे। कोर्ट की ओर से गठित की गई कमिटी में इंफोसिस के पूर्व चीफ नंदन नीलकेणी और कंप्यूटर साइंटिस्ट विजय भटकर भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि फरवरी 2017 में आयोजित कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल (सीजेएल) एग्‍जामिनेशन टेस्‍ट में पेपर लीक और बड़े पैमाने पर नकल की गड़बड़ी पायी गयी थी। इसके खिलाफ परीक्षा में शामिल छात्रों के विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके बाद मामला कोर्ट तक जा पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 31 अगस्त 2018 को एसएससी परीक्षा परिणाम पर रोक लगा दिया था। छात्रों ने मांग की थी कि सुप्रीम केार्ट की निगरानी में मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।


नाराज छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और केंद्र सरकार ने पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई ने मामले की जांच के बाद पेपर लीक ममले में 17 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। गिरफ्तार लोगों में कई एसएससी के कर्मचारी शामिल थे।

बता दें कि एसएससी हर साल ग्रेजुएट स्तर पर और 12वीं कक्षा के स्तर तक परीक्षा का आयोजन करता है। सीजीएल की परीक्षा में लाखों छात्रों बैठते हैं और इसमें लगभग 10 हजार कैंडिडेट्स का हर साल सेलेक्शन होता है।

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