कोरोना काल में रिहा हुए अपराधियों के लिए जरूरी खबर, सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को सरेंडर करने का दिया निर्देश
पीठ ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान समर्पण के बाद रिहा किए गए सभी दोषी अपनी सजा को निलंबित (ससपेंशन) करने के लिए सक्षम अदालतों में जा सकते हैं।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2023-03%2F7d721ad0-289b-4a16-8ffe-132ba3fad8c9%2FSC.jpg?rect=0%2C0%2C1280%2C720&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
कोरोना महामारी के दौरान रिहा किए गए सभी दोषियों और विचाराधीन कैदियों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिनों में इन कैदियों को आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि विचाराधीन कैदी और सभी दोषी जिन्हें महामारी के दौरान आपातकालीन जमानत पर रिहा किया गया था। वे अपने आत्मसमर्पण के बाद सक्षम अदालतों के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पीठ ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान समर्पण के बाद रिहा किए गए सभी दोषी अपनी सजा को निलंबित (ससपेंशन) करने के लिए सक्षम अदालतों में जा सकते हैं। गौरतलब है कि देश में कोविड महामारी के समय जब अपनी चरम स्थिति पर था, तो जेल में कैद कई दोषियों और विचाराधीन कैदियों, जिनमें ज्यादातर गैर-जघन्य अपराधों के लिए बुक किए गए थे।
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