VVPAT पर्चियों की गिनती की मांग वाली याचिका पर SC ने केंद्र और ECI से मांगा जवाब, जयराम बोले- यह काफ़ी महत्वपूर्ण कदम

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण की दलीलें सुनने के बाद भारत के चुनाव आयोग और भारत संघ से जवाब मांगा।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी ईवीएम वोटों का वीवीपैट से मिलान करने और वीवीपैट पर्चियों को मतपेटी में जमा करने की याचिका पर नोटिस जारी किया है।

 न्यायमूर्ति बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण की दलीलें सुनने के बाद भारत के चुनाव आयोग और भारत संघ से जवाब मांगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि वीवीपैट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का यह नोटिस पहला और काफ़ी महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन इसकी सार्थकता के लिए, चुनाव शुरू होने से पहले ही मामले पर निर्णय लिया जाना चाहिए।   

रमेश ने एक्स पर लिखा, “VVPAT के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने INDIA गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इंकार कर दिया है। हमारी मांग थी कि ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए VVPAT पर्चियों के 100 % मिलान किए जाएं।“

 उन्होंने कहा, “इस संबंध में यह नोटिस पहला और काफ़ी महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन इसकी सार्थकता के लिए, चुनाव शुरू होने से पहले ही मामले पर निर्णय लिया जाना चाहिए।“  


वीवीपैट क्या है?

बता दें कि विपक्षी दलों ने हर वोटर के लिए वीवीपैट से पर्ची निकालने की वकालत की है। क्योंकि उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं है। वीवीपैट मशीन ईवीएम के साथ कनेक्ट की जाती है। इससे मतदाता ये जान सकते हैं कि उन्होंने जिस प्रत्याशी के नाम के आगे ईवीएम पर बटन दबाया है क्या वो सही है। यानी वोटर अपने वोट को कंफर्म कर सकते हैं। वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है, जिस पर प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है। इससे पता चल जाता है कि आपने जो बटन दबाया, वोट उसी को गया या नहीं।

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