वक्फ संशोधन कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर SC में आज फिर सुनवाई, अंतरिम आदेश जारी कर सकता है कोर्ट

वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। आज की सुनवाई के बाद कई चीजें साफ हो सकती हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

वक्फ संशोधन कानून की वैधता चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज फिर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून को लेकर अंतरिम आदेश जारी कर सकता है।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार से तीखे और कड़े सवाल पूछे थे। वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश का मन बना लिया था। केंद्र सरकार ने अतंरिम आदेश जारी करने से पहले अपनी दलीलें सुनने की अपील की और वक्त की कमी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून की सुनवाई आगे के लिए बढ़ा दी।

वक्फ कानून से जुड़े तीन संसोधनों को लेकर बुधवार को अतंरिम आदेश आ सकता था। पहला मुद्दा- वक्फ बाय यूजर संपत्तियों के डिनोटिफेकेशन का, दूसरा मुद्दा- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की मौजूदगी का और तीसरा मुद्दा- वक्फ प्रॉपर्टी के विवाद में कलेक्टर को मिले अधिकारों का है।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने मुस्लिम पक्ष और संशोधन समर्थक दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान विभिन्न संशोधित धाराओं जैसे कि धारा 3, 9, 14, 36 और 83 पर विशेष चर्चा हुई।

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि इन संशोधनों से उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन हुआ है। उनका कहना था कि संशोधन उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करता है।


वहीं, केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल और अधिनियम के समर्थकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन पूरी तरह संविधान सम्मत हैं और इनमें मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की कोई बात नहीं है।

सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने अपने प्रारंभिक अवलोकन में यह कहा कि अधिकांश संशोधन संविधान के अनुरूप प्रतीत होते हैं। हालांकि, न्यायालय ने 'यूजर' की परिभाषा पर स्पष्टता मांगी है। इसके अलावा, वक्फ परिषद के गठन में हिंदू सदस्यों की भूमिका को लेकर भी कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है।

कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल और हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं से इन दोनों मुद्दों पर विशेष रूप से सहायता और स्पष्टीकरण देने को कहा है। अब इस मामले की आज दोपहर 2 बजे होगी।

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस अहम मामले में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें रखनी शुरू कीं। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बहस की शुरुआत की, जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें पेश कीं।


अधिवक्ता सिंघवी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि देशभर में करीब आठ लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से चार लाख से अधिक संपत्तियां ‘वक्फ बाई यूजर’ के तौर पर दर्ज हैं। उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है।

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि जब वे दिल्ली हाईकोर्ट में थे, तब उन्हें बताया गया था कि वह जमीन वक्फ संपत्ति है। उन्होंने कहा, "हमें गलत मत समझिए, हम यह नहीं कह रहे हैं कि सभी वक्फ बाई यूजर संपत्तियां गलत हैं।"

इसके साथ ही बुधवार को दोनों पक्षों के बीच बहस जारी रही और सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 2 बजे फिर से सुनवाई का समय दिया है।

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