देश में सड़क हादसों को लेकर डरावने आंकड़े! दिल्ली में पिछले साल सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुईं, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, शराब और मादक पदार्थों के प्रभाव में गाड़ी चलाने, लाल बत्ती का उल्लंघन करने और मोबाइल फोन पर बात करने की वजह से 7.4 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं हुईं और 8.3 फीसदी लोगों की जान चली गई।

प्रतीकात्मक तस्वीर
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नवजीवन डेस्क

देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओ को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे कई अहम बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क हादसों में मरने वालों और घायलों की संख्या के मामले में देश की राजधानी दिल्ली पहले स्थान पर है।

देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले बड़े शहरों में दिल्ली में साल 2022 में सबसे ज्यादा 5,652 सड़क हादसे दर्ज किए गए। वहीं मध्य प्रदेश का इंदौर और जबलपुर दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। पिछले साल 50 शहरों में सड़क हादसों की वजह से 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 5,652 सड़क हादसे हुए। इसके बाद इंदौर में 4,680,  जबलपुर 4,046, बेंगलुरु में 3,822, चेन्नई में 3,452, भोपाल में 3,313), मल्लापुरम में 2,991, राजस्थान के जयपुर में 2,687, हैदराबाद में 2,516 और कोच्चि में 2,432 सड़क हादसे दर्ज किए गए।

रिपोर्ट के अनुसार, 10 लाख की आबादी वाले 50 शहरों में हुई कुल सड़क हादसों में से 46.37 फीसदी हादसे इन 10 शहरों में हुए। कुल 76,752 सड़क हादसे इन 50 शहरों में 2022 में दर्ज की गईं, जिनमें 17,089 लोगों की जान चली गई और 69,052 लोग घायल हो गए। यह शहर 17 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित हैं। देश में कुल दुर्घटनाओं में से 16.6 प्रतिशत और दुर्घटना से संबंधित कुल मौतों में से 10.1 प्रतिशत मौतें इन शहरों में दर्ज की गईं।

रिपोर्ट के अनुसार, 2021 की तुलना में 2022 में चेन्नई, धनबाद, लुधियाना, मुंबई, पटना और विशाखापत्तनम को छोड़कर 10 लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों में सड़क हादसों और मरने वालों संख्या में इजाफा हुआ। साल 2022 में सड़क दुर्घटना की वजह से करीब 68 फीसदी मौतें ग्रामीण इलाकों में हुईं। वहीं, शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 32 फीसदी रहा।


सबसे ज्यादा सड़क हादसों के कारण क्या रहे?

रिपोर्ट के मुताबिक, शराब और मादक पदार्थों के प्रभाव में गाड़ी चलाने, लाल बत्ती का उल्लंघन करने और मोबाइल फोन पर बात करने की वजह से 7.4 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं हुईं और 8.3 फीसदी लोगों की जान चली गई। रिपोर्ट के अनुसार, प्रति लाख जनसंख्या पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की संख्या वर्ष 2021 के 30.3 से बढ़कर साल 2022 में 33.5 फीसदी हो गई। साल 2022 में कुल 4,16,312 सड़क हादसे हुए। इनमें 1,68,491 लोगों की जान चली गई।

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