दिल्ली में 10 महीनों बाद दोबारा खुले स्कूल, गाइडलाइन्स का सख्ती से कराया जा रहा पालन, शिक्षा मंत्री ने लिया जायज़ा

आगामी बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इन छात्रों के लिए स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। खास तौर पर बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट एवं प्रयोगशाला से जुड़ी गतिविधियों के मद्देनजर छात्रों को स्कूल आने की सुविधा प्रदान की गई है।

फोटो: IANS
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आईएएनएस

दिल्ली में सोमवार से 10वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खुल गए हैं। आगामी बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इन छात्रों के लिए स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। खास तौर पर बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट एवं प्रयोगशाला से जुड़ी गतिविधियों के मद्देनजर छात्रों को स्कूल आने की सुविधा प्रदान की गई है। दिल्ली में दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के स्कूल पहुंचने के उपरांत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "लम्बे वक्त के बाद दिल्ली के स्कूलों में बच्चों को फिर से पढ़ते देखना, मेरे लिए बेहद भावनात्मक क्षण है। बहुत मुश्किल वक्त को पीछे छोड़ फिर से स्कूल खुले हैं। उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सामान्य होगा और सभी बच्चे स्कूल आकर अपने टीचर्स एवं दोस्तों से मिलेंगे।"

वहीं दिल्ली के शिक्षा मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "इतने लंबे समय के बाद स्कूलों में बच्चों से मिलना वास्तव में अच्छा लगा। छात्र अभी भी सुरक्षा मानदंडों के साथ स्कूल में वापस आने के लिए समायोजित कर रहे हैं, लेकिन अपने दोस्तों से मिलकर बहुत खुश हैं।"

10वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्रों को प्रयोगशाला इस्तेमाल करने की अनुमति भी प्रदान की गई है। छात्र यहां बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े अपने प्रोजेक्ट तैयार कर सकेंगे। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली के चिराग एनक्लेव स्थित कौटिल्य सर्वोदय बाल विद्यालय में स्कूल ओपनिंग की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे।

यहां मनीष सिसोदिया ने कहा, "कक्षा 10 वीं और 12 वीं के उन छात्रों को शुभकामनाएं जो 10 महीने बाद आज अपने स्कूल जा रहे हैं। हालांकि यह केवल सीमित उद्देश्य के लिए और कोविड प्रोटोकॉल के साथ है, लेकिन फिर भी मुझे खुशी है कि दिल्ली में स्कूल खुल रहे हैं।"

दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी तैयार किया है। स्कूलों के लिए इस स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पालन करना अनिवार्य होगा। स्कूलों को यह रिकॉर्ड रखना होगा कि कितने बच्चे स्कूल आ रहे हैं। हालांकि यह रिकॉर्ड छात्रों की अटेंडेंस के तौर पर इस्तेमाल नहीं होगा। कंटेनमेंट जोन में स्कूल नहीं खुलेंगे। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्र, अध्यापक व अन्य व्यक्ति स्कूल नहीं जाएंगे।

इस विषय पर जानकारी देते हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली में सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं व प्रैक्टिकल के मद्देनजर 10 वीं और 12 वीं क्लास के लिए 18 जनवरी से प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट, काउंसिलिंग आदि के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को बुलाया जा सकेगा। बच्चों को आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।"

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