त्रिपुरा: बीजेपी के वैज्ञानिक बिप्लब देब की नयी खोज, बत्तख के तैरने से बनता है ऑक्सीजन

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब का एक बार फिर अजीबोगरीब बयान आया है। इस बार उन्होंने दावा किया है कि बतखों के तैरने से पानी में ऑक्सीजन बढ़ता है, इसलिए वे ग्रामीणों को बतख बांटना चाहते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब ने एक बार फिर से अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि बत्तख के तैरने से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और इसलिए वे राज्य के ग्रामिणों के बीच बत्तखों का बांटना चाहते है।

बिप्लब देब ने कहा कि जब किसी जलाशय में बतख तैरती हैं तो रीसाइक्लिंग होती है और इससे ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है। उन्होंने कहा कि जब बतख पानी में तैरते हैं, तो जलाशय में ऑक्सीजन का स्तर अपने आप बढ़ जाता है। इससे ऑक्सीजन रिसाइकिल होता है। पानी में रहने वाली मछलियों को ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है। इस तरह मछलियां तेजी से बढ़ती हैं और ऑर्गनिक तरीके से मत्स्यपालन को बढ़ावा मिलता है।

उन्होंने यह बात नीरमहल के पास बनी कृत्रिम झील रुद्र सागर में नौका दौड़ की शुरुआत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वह इस झील के किनारे रहने वाले मछुआरों को 50,000 बतखों के बच्चे वितरित करेंगे।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बनने के बाद बिप्लब देब अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। 18 अप्रैल को बिप्लब देब ने अगरतला में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि देश में महाभारत युग में भी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध थीं, जिनमें इंटरनेट और सैटेलाइट भी शामिल थे। उन्होंने कहा था कि महाभारत के दौरान संजय ने हस्तिनापुर में बैठकर धृतराष्ट्र को बताया था कि कुरुक्षेत्र के मैदान में युद्ध में क्या-क्या हो रहा है। संजय इतनी दूर रहकर आंख से कैसे देख सकते थे। इसका मतलब यह है कि उस समय भी तकनीक, इंटरनेट और सैटेलाइट मौजूद थे।

वे सिविल सेवा और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के छात्रों को लेकर भी अजीबो-गरीब बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था, “मैकेनिकल बैकग्राउंड के छात्रों को सिविल सेवा में नहीं जाना चाहिए। सिविल सेवा में अगर सिविल बैकग्राउंड के छात्र जाते हैं तो उसका फायदा मिल सकता है। सिविल इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के छात्रों से समाज और प्रशासन के कार्यों में मदद मिल सकती है।”

26 अप्रैल को बिप्लब देब का डायना हेडन को लेकर दिए गए उनके बयानों ने भी कार्फी सुर्खियां बटोरी थी। उन्होंने डायना के 1997 में मिस वर्ल्ड खिताब जीतने पर कहा था, “डायना हेडन इंडियन ब्यूटी नहीं हैं। डायना हेडन की जीत फिक्स थी। क्या आपको लगता है कि उन्हें ताज जीतना चाहिए था?’’

उदयपुर में टैगोर की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रवींद्रनाथ टैगोर ने अंग्रेजों के खिलाफ अपना नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था।

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