आबकारी नीति घोटाले में मनीष सिसोदिया को झटका, CBI वाले केस में जमानत याचिका खारिज

सीबीआई द्वारा 26 फरवरी को आप नेता को गिरफ्तार किए जाने के बाद ईडी ने भी उन्हें इसी केस में 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने मंगलवार को ईडी द्वारा दर्ज मामले में जमानत याचिका दायर की है, जिस पर कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी को नोटिस जारी किया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली के आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तार पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। जज एमके नागपाल ने 24 मार्च को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में अब जमानत के लिए मनीष सिसोदिया हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

पिछली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा था कि सीबीआई द्वारा कुछ भी विशेष नहीं कहा गया है, जिसके लिए हिरासत जारी रखने की आवश्यकता होगी। वकील ने कहा था कि रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि सिसोदिया गवाहों को धमका रहे थे। वकील ने तर्क दिया कि सिसोदिया ने सीबीआई जांच में सहयोग किया है और किसी भी तलाशी में उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री सामने नहीं आई है।

वकील का तर्क था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मनीष सिसोदिया की समाज में गहरी पकड़ हैं। हर बार जब उन्हें सीबीआई के सामने बुलाया गया तो वह पेश हुए। गवाहों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को धमकाने आदि का कोई वास्तविक सबूत नहीं है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया सिसोदिया को जमानत दें।


वहीं सीबीआई की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक डी.पी. सिंह ने कहा था कि केवल मोबाइल फोन ही नहीं, फाइलें भी नष्ट हो गईं। मैं बहुत गंभीर हूं कि सबूतों को नष्ट करना एक निरंतर अभ्यास था। सीबीआई ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इससे उनकी जांच प्रभावित होगी। सिसोदिया ने मंगलवार को इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले में अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी को नोटिस जारी किया था।

सीबीआई द्वारा 26 फरवरी को आप नेता को गिरफ्तार किए जाने के बाद ईडी ने भी उन्हें इसी मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। ईडी मामले में पिछली सुनवाई के दौरान ईडी द्वारा अदालत को अवगत कराया गया था कि सिसोदिया की हिरासत के दौरान महत्वपूर्ण विवरण सामने आए हैं और उन्हें अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ आमना-सामना कराना है।जांच एजेंसी ने अदालत को सूचित किया था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री के ईमेल और मोबाइल से भारी मात्रा में डेटा का भी फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा है।

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