दिल्ली-NCR में कड़ाके की ठंड की दस्तक, AQI ने भी तोड़ा रिकॉर्ड, फॉग और स्मॉग से विजिबिलिटी जीरो

कड़ाके की ठंड के साथ दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'सीवियर' श्रेणी में पहुंच चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर भारत में सर्दी का असर बढ़ गया है और मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिन तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में घने कोहरे की संभावना है। इस दौरान, दिल्ली-एनसीआर और अन्य मैदानी इलाकों में कोहरे और कम हवाओं की वजह से आसमान में घना स्मॉग फैला हुआ है, जिससे दृश्यता बिल्कुल शून्य हो गई है और सड़कों पर वाहन रेंगते हुए चल रहे हैं।

प्रदूषण और वायु गुणवत्ता

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'सीवियर' श्रेणी में पहुंच चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।

  • बाराखंबा रोड पर AQI 474 दर्ज किया गया, जो 'सीवियर' श्रेणी में आता है। यहां स्मॉग इतना घना है कि विजिबिलिटी बहुत कम हो गई है और वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है।

  • पंडित पंत मार्ग पर AQI 417 रहा, जबकि सरदार पटेल मार्ग पर यह 483 तक पहुंच गया। इन दोनों इलाकों में भी स्मॉग की मोटी चादर फैली हुई है, और इमारतें और वाहन धुंध में गुम हो गए हैं।

दिल्ली का समग्र AQI भी 450 के आसपास बना हुआ है, जो इस सर्दी के सबसे खराब प्रदूषण स्तरों में से एक है। कम हवाओं, कोहरे और प्रदूषकों के फंसे रहने के कारण स्मॉग बढ़ रहा है। इसके चलते GRAP के स्टेज-4 प्रतिबंध लागू किए गए हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर रोक और पुराने डीजल वाहनों की एंट्री बैन जैसी सख्त शर्तें शामिल हैं।


मौसम का प्रभाव और पश्चिमी विक्षोभ

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर पाकिस्तान के ऊपरी हिस्सों में सक्रिय एक पश्चिमी विक्षोभ 17 दिसंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा, जिससे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में हल्की बारिश या भारी बर्फबारी की संभावना है।

इस बर्फबारी के बाद, उत्तर से ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों में पहुंचेंगी, जिससे न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। इसके मद्देनजर IMD ने उत्तर-पश्चिम भारत में अगले तीन दिनों में तापमान गिरने की चेतावनी जारी की है।

विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ों में बर्फबारी का यह सामान्य समय से देरी से होना जलवायु परिवर्तन का संकेत है। आमतौर पर नवंबर के अंत या दिसंबर के पहले सप्ताह में पहाड़ों पर बर्फबारी होनी चाहिए थी, लेकिन इस साल पहाड़ों पर बर्फ की कमी देखी गई है। हालांकि, आने वाले पश्चिमी विक्षोभ से इस कमी को पूरा किया जा सकता है और तेज बर्फबारी होने की संभावना है।

कोहरे का असर और यातायात पर प्रभाव

15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पूर्वोत्तर भारत और हिमाचल प्रदेश में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। अगले दो दिनों में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में कोहरे की चादर और भी घनी हो सकती है, जिसके कारण दृश्यता कम हो सकती है। इसके चलते सड़क, रेल और हवाई यातायात पर असर पड़ सकता है, जिससे यात्रा करने वालों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

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