शरद पवार ने वोटी चोरी के दावों पर राहुल गांधी का किया समर्थन, चुनाव आयोग से की जांच की मांग

पवार ने कहा कि वोट चोरी पर राहुल गांधी की प्रस्तुति अच्छी तरह से शोध और दस्तावेजीकरण के बाद दी गई थी। लोगों के बीच संदेह को दूर करने के लिए उनके द्वारा उठाई गई चिंताओं की विस्तृत जांच की आवश्यकता है। दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।

शरद पवार ने वोटी चोरी के दावों पर राहुल गांधी का किया समर्थन, चुनाव आयोग से की जांच की मांग
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नवजीवन डेस्क

एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को मांग की कि चुनावी प्रक्रिया की शुचिता और निर्वाचन आयोग की छवि के बारे में संदेह दूर करने के लिए आयोग विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘‘वोट चोरी’’ के आरोपों की विस्तृत जांच कराए। पवार ने निर्वाचन आयोग द्वारा गांधी को हलफनामा दाखिल करने और शपथपत्र के तहत जानकारी देने के लिए कहे जाने के पीछे के तर्क पर भी सवाल उठाया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में पिछले साल मतदाता सूची के विश्लेषण का हवाला देते हुए बीजेपी और निर्वाचन आयोग के बीच मिलीभगत के जरिए चुनाव में बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी का दावा किया था। एक दिन बाद, उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग और बीजेपी ने लोगों से लोकसभा चुनाव चुराने के लिए मिलीभगत की और कम से कम तीन राज्यों में वोट चोरी हुई।

शरद पवार ने आज पत्रकारों से कहा, ‘‘वोट चोरी पर राहुल गांधी की प्रस्तुति अच्छी तरह से शोध और दस्तावेजीकरण के बाद दी गई थी। लोगों के बीच (चुनावी प्रक्रिया की शुचिता के बारे में) संदेह को दूर करने के लिए उनके द्वारा उठाई गई चिंताओं की विस्तृत जांच की आवश्यकता है। दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। मुझे लगता है कि जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि चूंकि निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, इसलिए उसे राहुल गांधी से अलग से घोषणापत्र नहीं मांगना चाहिए। निर्वाचन आयोग द्वारा उनसे घोषणापत्र मांगना उचित नहीं है।

राहुल गांधी द्वारा यह आरोप लगाए जाने के तुरंत बाद कि वोट चोरी लोकतंत्र के लिए एक परमाणु बम है, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने कांग्रेस के प्रमुख से उन मतदाताओं के नाम साझा करने को कहा, जिनके बारे में कांग्रेस नेता ने दावा किया था कि वे मतदाता सूची में गलत (तरीके से) हैं। उन्होंने चुनाव प्रशासन द्वारामामले में "आवश्यक कार्यवाही" शुरू करने के लिए हस्ताक्षरित घोषणापत्र भी मांगा।


यह पूछे जाने पर कि क्या मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोप से निर्वाचन आयोग की छवि धूमिल हुई है, जिसने जांच के आदेश नहीं दिए हैं, पवार ने कहा, ‘‘राहुल गांधी द्वारा प्रामाणिक प्रमाण के साथ उठाए गए मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विस्तृत जांच से ही सच्चाई सामने आएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम जो कह रहे हैं उसमें कोई सच्चाई नहीं है तो निर्वाचन आयोग को स्पष्ट रूप से ऐसा कहना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्था की प्रतिष्ठा बरकरार रखी जानी चाहिए।

शरद पवार ने बीजेपी नेताओं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा राहुल गांधी की आलोचना को खारिज कर दिया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि विपक्षी नेता द्वारा लगाए गए आरोप पहले से सुविचारित थे। पवार ने कहा, ‘‘अगर (राहुल गांधी की) आपत्ति निर्वाचन आयोग को भेजी गई है तो बीजेपी या मुख्यमंत्री को टिप्पणी करने की क्या जरूरत है? हम निर्वाचन आयोग से जवाब चाहते हैं, किसी और से नहीं।’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष सोमवार को निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकालेगा।

शरद पवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अपनी जिम्मेदारी से बचकर मुद्दे को भटकाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। पवार शाह की कथित टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनमें कहा गया था कि ‘इंडी’ गठबंधन इसलिए परेशान है क्योंकि घुसपैठियों के वोट (मतदाता सूची से) हटाए जा रहे हैं। पवार ने कहा, ‘‘यह गृह मंत्री की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों के सामने विस्तृत अध्ययन के बाद (गांधी द्वारा) उठाई गई चिंताओं का जवाब देते लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को भटकाने की कोशिश की।’’

उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के दल जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।उन्होंने कहा, ‘‘हम एक सप्ताह या दस दिन बाद फिर से बैठक कर सकते हैं। अभी तक हमने विस्तृत चर्चा नहीं की है।’’ पिछले महीने जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफ़े के बाद उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया था। पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ उनकी पार्टी के हाथ मिलाने की अटकलों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम कभी भी बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे।’’

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