शरद पवार ने बताया अजित पवार क्यों गए BJP के साथ, कहा- ED की जांच के डर से NCP के कुछ नेता NDA में गए

शरद पवार ने अनिल देशमुख का नाम लेते हुए कहा कि देशमुख जैसे कुछ लोगों ने जांच का सामना किया और जेल जाना मंजूर। उन्होंने 14 महीने जेल में बिताए। वहां उन्हें जांच से बचने के लिए बीजेपी में शामिल होने की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने अपनी विचारधारा नहीं छोड़ी।

शरद पवार ने बताया अजित पवार क्यों गए BJP के साथ
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नवजीवन डेस्क

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने आज बड़ा बयान देते हुए कहा कि हाल में हमारी पार्टी के कुछ लोग केंद्रीय एजेंसियों की जांच के डर से बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए में शामिल हुए। पवार ने कहा कि उनमें से कई नेता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में थे और वे जांच का सामना करना नहीं चाहते थे।

भतीजे अजित पवार का नाम लिए बिना शरद पवार ने कहा कि हाल में हमारे कुछ लोग यह कहते हुए बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हुए कि विकास के लिए सरकार में शामिल हो रहे हैं, लेकिन यह सच नहीं है। इसका कोई बड़ा मतलब नहीं था। उनमें से कुछ लोग ईडी की जांच के दायरे में थे और वे जांच का सामना नहीं करना चाहते थे, इसलिए एनडीए में और सरकार में शामिल हुए।

सोशल मीडिया पर एनसीपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने अनिल देशमुख का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख जैसे कुछ लोगों ने जांच का सामना किया और जेल जाना स्वीकार किया। उन्होंने 14 महीने जेल में बिताए। जहां उन्हें भी जांच से बचने के लिए उस पक्ष (बीजेपी) में शामिल होने की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने अपनी विचारधारा नहीं छोड़ी और एनसीपी नहीं छोड़ने के अपने फैसले पर अड़े रहे। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया और कानून का सामना करने का फैसला किया।


इसके साथ ही शरद पवार ने राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार को महाराष्ट्र के लोगों के मुद्दों पर ध्यान देने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकार को महाराष्ट्र की जनता की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। राज्य इस समय कई समस्याओं का सामना कर रहा है। बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। तो दूसरी तरफ किसान भी पीड़ित हैं। राज्य में प्राकृतिक आपदा से एक बड़ी आबादी मुश्किल में है।

बता दें कि हाल में शरद पवार के भतीजे और एनसीपी में नंबर-2 माने जाने वाले अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ महाराष्ट्र की बीजेपी और एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने खिद उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि छगन भुजबल, हसन मुश्रिफ और दिलीप वल्से पाटिल जैसे एनसीपी के 8 अन्य विधायकों ने भी राज्य के मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद अजित पवार ने पार्टी पर भी अपना दावा ठोक दिया है। यह मामला अभी चुनाव आयोग के समक्ष है।

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