93 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गईं शौकत आजमी, ऐसे रहा उनका जीवन का सफर

बेमिसाल अदाकार शबाना आजमी को अपनी जिद के दम पर इस दुनिया में लाने वाली उस औरत का चर्चा कम ही हुआ है। उस औरत का नाम था शौकत आजमी। और अब 93 साल की उम्र में वो औरत जो एक बहादुर मां के साथ साथ एक कुशल अभिनेत्री भी थी इस दुनिया को अलविदा कह गईं।

फोटो: सोशल मीडिया
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इकबाल रिजवी

शबाना आजमी पैदा होने के इंतजार में थीं जबकी कम्युनिस्ट पार्टी चाहती थी कि उनकी मां गर्भपात करवा लें। इसकी वजह ये थी कि शबाना के पिता कैफी आजमी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य थे। आजादी के बाद कम्युनिस्ट पार्टी पर प्रतिबंध लगने और उसके नेताओं की धर पकड़ के सिलसले में कैफी आजमी भूमिगत हो चुके थे। उनकी पत्नी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे बच्चा पाल सकें। लेकिन वौ औरत यानी शबाना की मां अड़ गयीं कि वे संतान को तो जन्म देंगी चाहे कुछ हो जाए। उनके तेवरों को देखते हुए पार्टी को अपना फैसला बदलना पड़ा और फिर दुनिया के शबना आजमी जैसी बेमिसाल अदाकार मिली।

खास बात ये हैं कि इस बेमिसाल अदाकार को अपनी जिद के दम पर इस दुनिया में लाने वाली उस औरत का चर्चा कम ही हुआ है। उस औरत का नाम था शौकत आजमी। और अब 93 साल की उम्र में वो औरत जो एक बहादुर मां के साथ साथ एक कुशल अभिनेत्री भी थी इस दुनिया को अलविदा कह गईं।


हैदराबाद में रहने वाली शौकत एक मुशायरे में कैफी को दिल दे बैठी। फिर दोनो शादी कर मुंबई आ बसे। यहां शौकत कैफी के साथ एक कम्यून में रहने लगीं। इसी कम्यून में उनेक दोस्तों का दायरा बढ़ा। यहीं से वे इप्टा से जुड़ीं और पहली फिल्म का प्रस्ताव भी उसी कम्यून से मिला। इसा कम्यून में उनके बेटे का जन्म हुआ जो साल भर का होते होते मौत की आगोश में सो गया और उसी कम्यून में शौकत को हुक्म मिला था कि अब पेट में जो बच्चा है उसे पालना बहुत मुश्किल होगा इसलिये उसे जन्म मत दो।

शौकत आजमी ने शौक के लिए नहीं बल्कि घर का खर्च चलाने के लिये नाटकों और फिल्मों में अभिनय शुरू किया था। लेकिन अभिनय को उन्होंने यूंही नहीं लिया अगर किसी ने पृथ्वी थियेटर के लिये खेले गए शौकत के नाटको या फिल्म गर्म हवा और उमरावं जान देखी है तो उसे इस सच्चाई का बखूबी अंदाज होगा। फिर भी वे पर्दे की चकाचौध से दूर रह कर अपने परिवार को समेटने में ही व्यस्त रहीं। करीब 30 फिल्मों में छोटे बड़े रोल कने वाली शौकत सिर्फ कैफी आजमी की पत्नी ही नहीं बल्कि दोस्त और प्रेरणा बन कर हीं। कैफी की मशहूर नज्में तुम, औरत और शौकत के नाम के साथ कई शेर शौकत की वजह से ही वुजूद में आए।


25 से अदिक फिल्मों में अभिनय करने वाली शौकत, मीरा नायर की चर्चित फिल्म सलाम बाम्बे (1988) के बाद फिल्मों मे अभिनय को लेकर उदासीन सी हो गयी।दरअसल तब तक शबाना और बाबा आजमी की शादी हो चुकी थी और शौकत फालिज का शिकार हो चुके कैफी के साथ साये की तरह रहा करती थीं। कैफी की मौत के बाद शौकत कैफी अपने पति के गांव मिजवां में उनके द्वारा शुरू किये गये कल्याणकारी कामों को पूरा करने में व्यस्त रहने लगीं। बढ़ती उम्र की थकन और बीमारी की वजह से कुछ समय सेउनकी गतिविधियां बहुत कम हो गयी थीं। शुक्रवार को वे कैफी आजमी के पास दूसरे लोक में चली गयीं।

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Published: 23 Nov 2019, 4:40 PM