शिरोमणि अकाली दल ने पार्टी प्रमुख पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर किया, कार्यसमिति ने लिया फैसला
अकाल तख्त ने 2007 से 2017 तक पंजाब में अकाली दल की सरकार द्वारा की गई गलतियों के लिए बादल और अन्य नेताओं को धार्मिक सजा सुनाई थी और अकाली दल की कार्यसमिति को पार्टी प्रमुख के रूप में बादल और अन्य नेताओं के इस्तीफे को स्वीकार करने का भी निर्देश दिया था।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की कार्यसमिति ने शुक्रवार को पार्टी प्रमुख के पद से सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। पार्टी नेताओं ने यह जानकारी दी। एक महीने पहले अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बादल के त्यागपत्र को स्वीकार करने के निर्देश का हवाला देते हुए अकाली दल से दो दिसंबर के आदेश को जल्द से जल्द लागू करने को कहा था।
अकाली दल नेताओं ने बताया कि चंडीगढ़ मेंं पार्टी मुख्यालय में हुई पार्टी कार्यसमिति की बैठक में बादल का इस्तीफा स्वीकार किया गया। अपना इस्तीफा स्वीकार कर लिये जाने के बाद सुखबीर बादल ने संवाददाताओं से बातचीत में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
सुखबीर बादल ने पिछले साल 16 नवंबर को पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पार्टी की कार्यसमिति ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था। कार्यसमिति ने उनसे अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए कहा था कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो पूरी कार्यसमिति सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देगी।
अकाल तख्त ने दो दिसंबर को 2007 से 2017 तक पंजाब में अकाली दल और उसकी सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ के लिए बादल और अन्य नेताओं को धार्मिक सजा सुनाई थी और अकाली दल की कार्यसमिति को पार्टी प्रमुख के रूप में बादल और अन्य नेताओं के इस्तीफे को स्वीकार करने का भी निर्देश दिया था। पिछले साल 30 अगस्त को सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ अकाल तख्त ने बादल को 'तनखैया' (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किया था। अकाल तख्त ने उन्हे धार्मिक सजा भी सुनायी थी।
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