महाराष्ट्र: संजय राउत के बयान से बीजेपी खेमे में खलबली, कहा- शिवसेना को है 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन

संजय राउत अगर यह कह रहे हैं कि उनकी पार्टी को 170 विधायकों का समर्थन है, इसका मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि क्या शिवसेना को दूसरी पार्टियों ने समर्थन दे दिया है? अगर ऐसा है तो बीजेपी के लिए यह एक बड़ा झटका होगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना को 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समर्थन का आंकड़ा 175 तक जा सकता है। उनके इस बयान से सियासी हलचल और तेज हो गई है। 288 सीटों वाले महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार गठन के लिए 145 विधायकों की जरूरत है। जाहिर उनके इस बयान से बीजेपी खेमे में खलबली मच गई है।

संजय राउत अगर यह कह रहे हैं कि उनकी पार्टी को 170 विधायकों का समर्थन है, इसका मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि क्या शिवसेना को दूसरी पार्टियों ने समर्थन दे दिया है? अगर ऐसा है तो बीजेपी के लिए यह एक बड़ा झटका होगा। सियासी हलचल के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे औरंगाबाद पहुंच गए हैं। औरंगाबाद में वे किसानों से मिलेंगे और फसल क्षति का आकलन करेंगे। खबरों के मुताबिक, वे आज प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं। ऐसे में इस प्रेस कांफ्रेंस में बड़ी बातें सामने आ सकती हैं।


इस बीच मुंबई में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी विधायकों के साथ बैठक की है। खबरों के मुताबिक, पवार जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे।

गौरतलब है कि शिवसेना ने बीजेपी से दो टूक कह दिया है कि अगर उसे सरकार बनाने के लिए समर्थन चाहिए तो 50-50 फॉर्मूले को लागू करना होगा। शिवसेना के कहने का मतलब यह है कि सरकार में उसकी आधी हिस्सेदारी होगी। आधी हिस्सेदारी का मतलब यह है कि कैबिनेट में उसके आधे मंत्री होने चाहिए। इसके साथ ही ढाई साल शिवसेना और ढाई साल बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा। खबरों के मुतबाकि, शिवसेना की इस मांग को बीजेपी ने मानने से इनकार कर दिया है और यही विवाद का जड़ भी है।


शिवसेना का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान जब अमित शाह मुंबई आए थे, उस दौरान शिवसेना और बीजेपी की अहम बैठक हुई थी। शिवसेना के मुताबिक, अमित शाह ने 50-50 फॉर्मूले पर हामी भरी थी, लेकिन आज बीजेपी अपने वादे से मुकर गई है। वहीं शिवसना अड़ी हुई है कि जब तक 50-50 फॉर्मूले को बीजपी स्वीकार नहीं करती वह सरकार बनाने के लिए हामी नहीं भरेगी।

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Published: 03 Nov 2019, 12:32 PM