सीएम शिवराज ने महिला पुलिस अभ्यर्थियों को दिया धोखा, भर्ती से बाहर हुई अभ्यर्थियों ने रखा सामूहिक उपवास

पुलिस भर्ती से बाहर की गईं अभ्यर्थियों ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस में महिला उम्मीदवारों की भर्ती के लिए लंबाई में छूट देने की घोषणा की थी, लेकिन उन्हें सिर्फ ऊंचाई कम होने के कारण भर्ती से बाहर कर दिया गया है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

मध्य प्रदेश में लंबाई कम होने के कारण पुलिस में भर्ती से बाहर की गईं अभ्यर्थियों ने सोमवार को राजधानी के शाहजहांनी पार्क में सामूहिक उपवास रखा। साथ ही ऐलान किया कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, तब तक उनका क्रमिक उपवास जारी रहेगा। महिला अभ्यर्थियों का नेतृत्व करने वाली प्रीति शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस में महिला उम्मीदवारों की भर्ती के लिए ऊंचाई में छूट देने की घोषणा की थी, लेकिन उन्हें सिर्फ ऊंचाई कम होने के कारण भर्ती से बाहर कर दिया गया है। वे 155 सेंटीमीटर तक की ऊंचाई वाली अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने की मांग कर रही हैं।

प्रीति शर्मा ने बताया, “सभी परीक्षाओं में सफल होने के बाद ऊंचाई 158 सेंटीमीटर के स्थान पर 155 सेंटीमीटर होने पर उन्हें अयोग्य ठहरा दिया गया। जबकि, मुख्यमंत्री ने ऊंचाई में छूट की घोषणा की थी।”

प्रीति ने बताया कि सोमवार को राज्य के विभिन्न स्थानों से पहुंची महिला अभ्यर्थियों ने उपवास रखा। इस दौरान एक महिला अधिकारी आईं और उन्होंने उपवास खत्म करने की अपील की। प्रीति का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी, तब तक उपवास का क्रम जारी रहेगा।

दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अक्टूबर, 2017 में घोषणा की थी कि राज्य में गुंडों, मनचलों को ठीक करने के लिए बालिकाओं को 33 फीसदी आरक्षण देकर उन्हें खाकी वर्दी के साथ, उनके हाथ में डंडा थमाएंगे और इसके लिए उन्होंने पुलिस भर्ती में बालिकाओं के लिए न्यूनतम ऊंचाई 158 सेंटीमीटर में छूट देने की घोषणा की थी। ऊंचाई में कितनी छूट दी जाएगी, इसे उन्होंने स्पष्ट नहीं किया था।

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