मध्य प्रदेश में सवालों की राजनीति शुरू कर फंसे शिवराज, कमलनाथ के जवाबी हमलों से बुरी तरह घिरे

शिवराज को घेरते हुए कमलनाथ ने कहा कि लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाकर गद्दी पर बैठे शिवराज सिंह चौहान जब कागज की पर्चियां लेकर मुझसे सवाल करते हैं तो मध्य प्रदेश की जनता हंसती है कि देखो, 18 साल से कुर्सी पर बैठा मुख्यमंत्री जिम्मेदारी से भाग रहा है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, जिसे लेकर दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल- कांग्रेस और बीजेपी मुकाबले के लिए तैयार हैं। इस बार चुनाव किसी भी दल, खासकर बीजेपी के लिए आसान नहीं है, इससे हर कोई वाकिफ है और दोनों प्रमुख राजनीतिक दल इसे कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से समझ रहे हैं। इसीलिए दोनों दलों ने एक तरफ जहां जमीन पुख्ता करने की दिशा में कदम बढाए हैं तो वहीं बेहतर उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी भी जोरों पर है।

मध्य प्रदेश के पिछले चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई जरूर थी, मगर 15 माह बाद ही दल बदल के चलते सत्ता हाथ से निकल गई। नगरीय निकाय के महापौर के चुनाव में जो नतीजे आए उन्होंने खासकर सत्तारूढ़ बीजेपी के सामने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अब तक जो उपचुनाव हुए हैं उनमें भी नतीजे एक तरफा नहीं आए हैं। ऐसे में राज्य में मुकाबला कांटे का दिख रहा है।

दोनों राजनीतिक दलों की तैयारी को इसी बात से भी समझा जा सकता है कि प्रमुख नेताओं के दौरे लगातार बढ़ रहे हैं तो वहीं अब दोनों ही राजनीतिक दलों के नेता सवाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ लगातार एक दूसरे से सवाल कर रहे हैं। यह सिलसिला बीते दो दिनों से चल रहा है और बुधवार को तीसरा दिन है। दोनों ही नेता एक दूसरे को किसान, महिला और जनविरोधी बताने की कोशिश में जुटे हैं। लेकिन इस सवालों की राजनीति के चक्कर में शिवराज खुद घिर जा रहे हैं।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ से पूछा कि पहले उन्होंने जो झूठे वादे किए वह पूरे हुए नहीं, अब कई वादे फिर करने लगे हैं। उन्होंने अपने वचन पत्र में कहा था कांग्रेस नवीन फसल बीमा योजना लाएगी। फसल बीमा की इकाई खेत रहेगा और फसल बीमा योजना में, जो किसान पृथक रहना चाहेंगे उन्हें अनुमति रहेगी, बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को बीमा पॉलिसी एवं प्रीमियम की राशि देना सुनिश्चित किया जाएगा। कृषकों का जीवन और स्वास्थ्य भी फसल बीमा से जोड़ेंगे। योजना लाना तो दूर उन्होंने पुरानी का ही प्रीमियम नहीं भरा। जिसके कारण किसानों को कांग्रेस की सरकार में फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला। इन्होंने पुरानी फसल बीमा योजना का ही प्रीमियम नहीं भरा, किसानों को धोखा दिया। पुरानी फसल बीमा का पैसा क्यों नहीं भरा और नई क्यों नहीं लाए यह सवाल है मेरा। जवाब तो देना होगा।

वहीं इन सवालों पर शिवराज को घेरते हुए कमलनाथ ने कहा कि लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाकर गद्दी पर बैठे शिवराज सिंह चौहान जब कागज की पर्चियां लेकर मुझसे सवाल करते हैं तो मध्य प्रदेश की जनता हंसती है कि देखो, 18 साल से कुर्सी पर बैठा मुख्यमंत्री जिम्मेदारी से भाग रहा है। कमलनाथ ने कहा, “शिवराज आप मध्य प्रदेश की जनता के सवालों से भाग नहीं सकते, आपने दृष्टि पत्र में घोषणा की थी कि किसी भी अप्रत्याशित नुकसान पर किसानों को अविलंब मुआवजा देने के लिए व्यवस्था की जाएगी। क्या आपने किसानों को अविलंब मुआवजा दिया? 2020 में कीट व्याधि और बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे की तीसरी किस्त आज तक किसानों को क्यों नहीं मिली?"


दोनों राजनीतिक दलों की ओर से पूछे जा रहे सवालों को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि, सत्ताधारी दल को जवाब देना होगा कि आखिर 18 साल के उनके शासन के बाद वर्तमान में प्रदेश की स्थितियां क्या हैं, मगर वह उल्टा विपक्ष से सवाल पूछ रहे हैं और घिरते जा रहे हैं। दूसरी ओर विरोधी दल कांग्रेस को सरकार को घेरने की कोशिश करना चाहिए लेकिन वह सिर्फ सवाल पूछ रही है। आज जरूरत इस बात की है कि कांग्रेस जनता की लड़ाई लड़े। लेकिन कुल जमा दोनों ही राजनैतिक दल सियासी माहौल बनाए रखना चाहते हैं यही कारण है कि सियासत सवालों की हो रही है।

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