दोबारा सरकार बनाने का दावा पेश करने वाली BJP पर शिवसेना का तंज, कहा- नया समीकरण देख इनके पेट में हो रहा दर्द

शिवसेना ने कहा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद 105 वालों का आत्मविश्वास इस तरह से झाग बनकर निकल रहा है जैसे मुंबई किनारे अरब सागर की लहरें हों। पूर्व सीएम फडणवीस ने अपने विधायकों से कहा कि बिंदास रहो, प्रदेश में फिर से बीजेपी की ही सरकार बनेगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र में सरकार गठन की तस्वीर साफ हो गई है। राज्य में एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना सरकार बनाने की तैयारी कर रही हैं। इस बीच बीजेपी द्वारा राज्य में सरकार बनाने का फिर से दावा पेश करने पर शिवसेना ने उसे आड़े हाथों लिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी पर निशाना साधा है। शिवसेन ने सामना में लिखा है कि महाराष्ट्र में नए समीकरण देखकर कुछ लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है।

शिवसेना ने सामना में लिखा, “कहा जा रहा है कि देखते हैं कौन सरकार बनाता है, इस प्रकार की भाषा बोली जी रही है। श्राप भी दिए जा रहे हैं कि अगर सरकार बन भी गई तो कितने दिन टिकेगी, देखते हैं। इस तरह की भविष्यवाणी भी की जा रही है कि 6 महीने से ज्यादा सरकार नहीं चलेगी। यह नया धंधा लाभदायक भले हो, लेकिन यह अंधश्रद्धा कानून का उल्लंघन है।”


शिवसेना ने सामना में बीजेपी पर निशाना साधते हुए आगे लिखा, “अपनी कमजोरी को छिपाने के लिए महाराष्ट्र में इस तरह की हरकतें की जा रही हैं। हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं, इस तरह की मानसिकता से लोग बाहर आएं, क्योंकि इस तरह कि मानसिक अवस्था 105 वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। नरेंद्र मोदी जैसे नेता के नाम पर उनका (बीजेपी) खेल शुरू है और इसमें मोदी का ही नाम खराब हो रहा है।”

शिवसेना ने सामना में आगे लिखा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद 105 वालों (बीजेपी) का आत्मविश्वास इस तरह से झाग बनकर निकल रहा है जैसे मुंबई किनारे अरब सागर की लहरें हों। पूर्व सीएम फडणवीस ने अपने विधायकों से कहा कि बिंदास रहो, प्रदेश में फिर से बीजेपी की ही सरकार बनेगी। कल ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राज्य में जिसके पास 145 का आंकड़ा है, उसकी सरकार आएगी और यह संवैधानिक रूप से ठीक है।”


शिवसेना ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, “स्वच्छ और पारदर्शी काम करने का वचन देने वालों का यह झूठ है जो बार-बार साबित हो रहा है। सत्ता या मुख्यमंत्री पद का अमरपट्टा लेकर कोई जन्म नहीं लेता है। खुद को विश्वविजेता कहने वाले नेपोलियन और सिकंदर जैसे योद्धा भी आए और चले गए। श्रीराम को भी अपना राज्य छोड़ना पड़ा, तो अजेय होने की बड़ी-बड़ी बातें क्यों? एक तरफ फडणवीस 'राज्य में फिर से बीजेपी की ही सरकार का दावा करते हैं और दूसरी तरफ नितिन गडकरी ने क्रिकेट का रबड़ी बॉल राजनीति में फेंक दिया है। क्रिकेट और राजनीति का आखिरी कुछ नहीं होता। किसी भी समय फैसला बदल सकता है।”

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