आर्थिक मोर्चे पर झटका, 2024-25 में जीडीपी वद्धि दर घटकर 6.5% हुई, कोविड काल के बाद पहली बार इतना नीचे

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च तिमाही में वृद्धि दर के सुस्त पड़ने से समूचे वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ गई।

आर्थिक मोर्चे पर झटका, 2024-25 में जीडीपी वद्धि दर घटकर 6.5% हुई, कोविड काल के बाद पहली बार इतना नीचे
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नवजीवन डेस्क

देश की आर्थिक वृद्धि दर को झटका लगा है। वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर धीमी होकर 7.4 प्रतिशत रही, जिससे पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई। एनएसओ ने आज ये आंकड़े जारी किए। वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही थी।

शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च तिमाही में वृद्धि दर के सुस्त पड़ने से समूचे वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ गई।जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि एक साल पहले की समान तिमाही के 8.4 प्रतिशत से कम है।


वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही थी। एनएसओ ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2024-25 के लिए देश की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत आंकी थी।दूसरी ओर एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही है।

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