श्रद्धा हत्याकांड: आफताब के नार्को टेस्ट के लिए पुलिस का आवेदन, DNA मैच के लिए पिता- भाई का लिया गया ब्लड सैंपल
पुलिस ने मृतका श्रद्धा के पिता और भाई के ब्लड सैंपल डीएनए मैच कराने के लिए चिकित्सकों को उपलब्ध करा दिए हैं। साथ ही आरोपित के नार्को टेस्ट के लिए आवेदन भी कर दिया है।

दिल्ली के महरौली इलाके में हुए श्रद्धा हत्याकांड को लेकर पूरा देश सकते में हैं। लोगों में इस हत्याकांड को लेकर काफी गुस्सा है। लोग सोशल मीडिया के जरिए काफी रोष जता रहे हैं और आरोपित आफताब के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर पुलिस ने मृतका श्रद्धा के पिता और भाई के ब्लड सैंपल डीएनए मैच कराने के लिए चिकित्सकों को उपलब्ध करा दिए हैं। साथ ही आरोपित के नार्को टेस्ट के लिए आवेदन भी कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपित आफताब ने श्रद्धा की पहचान छुपाने के लिए धीरे-धीरे पूरे शरीर के टुकड़े फेंकने के बाद सबसे अंत में उसका सिर फेंका था।
इससे पहले दिल्ली पुलिस की एक टीम मंगलवार को दूसरी बार महरौली हत्याकांड का आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर के अवशेष बरामद करने के लिए महरौली वन क्षेत्र ले गई थी। गौरतलब है कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी थी और शव को 35 टुकड़ों में काट दिया था। पुलिस ने बताया कि उन्हें वन क्षेत्र में कुछ हड्डियां मिली हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है। आरोपी को इसके पहले सोमवार को इलाके में ले जाया गया था।
इस बीच ये भी खुलासा हुआ है कि आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने श्रद्धा के जिंदा होने का आभास देने के लिए जून तक उसके इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल किया। पूनावाला को शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के महरौली इलाके में अपने लिव-इन पार्टनर की 18 मई को हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांचकर्ताओं ने कहा कि पुलिस की टीमें अधिक जानकारी हासिल करने के लिए उसके फोन को स्कैन कर रही हैं।
गौरतलब है कि आफताब ने 18 मई को 26 वर्षीय श्रद्धा को गला घोंट कर मार डाला। आफताब ने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े कर उन्हें अलग अलग जगहों पर फेंक दिया था। खबरों की मानें तो आफताब ने उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटा और उन्हें स्टोर करने के लिए एक नया फ्रिज खरीदा। बदबू से बचने के लिए उसने अपने घर पर अगरबत्ती जलाई। 18 दिनों की अवधि में उसने उन शरीर के टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। किसी भी तरह के संदेह से बचने के लिए वह तड़के 2 बजे पॉलीबैग में शव लेकर घर से निकल जाता था। आफताब कथित तौर पर अमेरिकी क्राइम शो 'डेक्सटर' से प्रेरित था, जो एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताता है, जो दोहरी जिंदगी जीता है।
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