दरवाज़े पर खड़ी मंदी: सदी के सबसे बुरे दौर में ऑटो सेक्टर, बिक्री 31 फीसदी गिरी, एक साल में 13 लाख नौकरियां गईं

देश मंदी के मुहाने पर खड़ा दिख रहा है। मंगलवार को जारी आंकड़े बताते हैं कि ऑटो सेक्टर सदी के सबसे बुरे दौर में है। इस सेक्टर में बिक्री 31 फीसदी तक गिरी है, जबकि बीते एक साल में करीब 13 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश की अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर नजर आ रही है। अकेले ऑटो सेक्टर का बुरा हाल है। इस सेक्टर के इस साल जुलाई माह के आंकड़े भी निराश करने वाले रहे। इस माह में देश में वाहनों की बिक्री में दो सदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। दिसंबर 2000 के बाद यह पहला मौका है, जब ऑटो सेक्टर की बिक्री में 31 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा बीते करीब एक साल में इस सेक्टर से 13 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं।

जुलाई माह के आंकड़े बताते हैं कि ऑटो सेक्टर में इस सदी की सबसे बड़ी गिरावट आई है। दिसंबर 2000 के बाद पहली बार है कि ऑटो सेक्टर की बिक्री में 31 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।अगर जुलाई 2019 में घरेलू पैसेंजर व्हीकल की बिक्री की बात करें, तो इसमें 30.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स यानी सियाम की रिपोर्ट के मुताबिक पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में लगातार 9 माह से गिरावट दर्ज की जा रही है। इसकी वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरी से निकाला गया है।

इसके अलावा 2019 की जुलाई माह में कुल 200790 पैसेंजर कार की बिक्री हुई है। पिछले साल इसी माह यह आंकड़ा 290930 था। वहीं इस साल जुलाई माह में टू-व्हीलर सेल में 16.82 प्रतिशत गिरकर 1511692 रह गई है। पिछले साल जुलाई माह में 1817406 टू-व्हीलर की बिक्री हुई थी।

सियाम ने मंगलवार को वाहन बिक्री और ऑटो सेक्टर में नौकरियों के हालातों पर आंकड़े जारी किए। इस मौके पर सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने विभिन्न स्रोतों से जमा आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वाहन उद्योग में एक साल से जारी मंदी के कारण तकरीबन 13 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं।


माथुर ने कहा कि सबसे बुरा हाल वाहनों के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों का है। इस क्षेत्र में करीब 11 लाख लोगों की नौकरी गई है। इनमें एक लाख की छंटनी बड़ी कंपनियों जबकि 10 लाख की छंटनी छोटे आपूर्तिकर्ताओं ने की है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 300 डीलरशिप (कार शोरूम) बंद हो चुके हैं और डीलरों ने दो लाख 30 हजार लोगों को नौकरी से निकाला है। सियाम ने जिन 10-15 वाहन निर्माता कंपनियों के आंकड़े एकत्र किए हैं उन्होंने भी 15 हजार लोगों को निकाला है।

सबसे ज्यादा गाज अस्थायी कर्मचारियों पर गिरी है। माथुर ने कहा कि सियाम कई महीने से सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहा है और यदि जल्द इसकी घोषणा नहीं की गई तो संकट गहरा जाएगा। उन्होंने कहा कि जो स्थिति है उससे लगता है कि संकट और गहरा गया है।


उन्होंने बताया कि उद्योग प्रतिनिधियों की सरकार के साथ हाल ही में बातचीत हुई है। उद्योग ने वाहनों पर टैक्स रेल घटाने, स्कैपेज नीति लाने और वित्तीय क्षेत्र - विशेषकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों - को मजबूत करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह वाकई चिंता की बात है कि यात्री वाहनों के साथ ही अन्य सभी श्रेणी के वाहनों की बिक्री में भी गिरावट देखी जा रही है।

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Published: 13 Aug 2019, 4:37 PM
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