सिलक्यारा सुरंग हादसा: मौत से जंग जीतकर बाहर निकले मजदूरों ने सुनाई आपबीती, कहा- जब मलबा गिरा तो...

एक श्रमिक विश्वजीत कुमार वर्मा ने कहा, "जब मलबा गिरा तो हमें पता चल गया कि हम फंस गए हैं। सभी हमें निकालने के प्रयास में लगे रहे। हर तरह की व्यवस्था की गई...ऑक्सीजन की, खाने-पीने की व्यवस्था की गई

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग से जिन 41 श्रमिकों को सफलतापूर्वक बचाया गया है। उन्हें प्राथमिक चिकित्सा उपचार के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया है। मौत से जंग लड़ने के बाद बाहर निकले मजदूरों ने आपबीती सुनाई।

एक श्रमिक सुबोध कुमार वर्मा ने बताया, "हमें वहां(सुरंग) पर 24 घंटों तक खान-पान और हवा से संबंधित परेशानी हुई। इसके बाद पाइप के द्वारा खाने-पीने की चीज़ें भेजी गईं... मैं स्वस्थ हूं, कोई परेशानी नहीं है... केंद्र और राज्य सरकार की मेहनत थी जिस वजह से मैं निकल पाया..."

एक श्रमिक विश्वजीत कुमार वर्मा ने कहा, "जब मलबा गिरा तो हमें पता चल गया कि हम फंस गए हैं। सभी हमें निकालने के प्रयास में लगे रहे। हर तरह की व्यवस्था की गई...ऑक्सीजन की, खाने-पीने की व्यवस्था की गई...पहले 10-15 घंटे हमें दिक्कत का सामना करना पड़ा, बाद में पाइप के द्वारा खाना उपलब्ध कराया गया... बाद में माइक लगाया गया था और परिवार से बात हो रही थी...अब मैं खुश हूं।"

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