सिंघु बॉर्डर हत्याकांड: एसआईटी और संयुक्त किसान मोर्चा ने शुरू की जांच, लखबीर की बहन ने किए ये खुलासे

सिंधु बॉर्डर पर बेरहमी से कत्ल हुए लखबीर सिंह की बहन राजकौर का कहना है कि वह मरने से करीब हफ्ता-दस दिन पहले ही किन्हीं 'बाहरी व्यक्तियों' के संपर्क में आया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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अमरीक

पंजाब सरकार की ओर से गठित एसआईटी और संयुक्त पंजाब मोर्चा की ओर से सिंधु बॉर्डर पर कत्ल किए गए लखबीर सिंह से संबंधित विभिन्न प्रमुख पहलुओं की जांच शुरू हो गई है। अनुसूचित जनजाति से संबंधित मृतक लखबीर पंजाब के सरहदी जिले तरनतारन के गांव चीमा कलां का रहने वाला था। एसआईटी और संयुक्त मोर्चा की पांच सदस्यीय टीम के साथ-साथ हरियाणा पुलिस ने भी चीमा कलां में डेरा डाल लिया है।

गौरतलब है कि जांच करने वाले तमाम पक्षों का ध्यान इस पर केंद्रित है कि लखबीर सिंह अपने गांव से सिंधु बॉर्डर तक किन हालात में पहुंचा। लखबीर द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन से जुड़े पहलुओं की सूक्ष्म छानबीन की जा रही है। उसकी आर्थिक हालत मोबाइल फोन खरीदने की नहीं थी। उसके परिवार के मुताबिक उसके पास अपना मोबाइल फोन नहीं था। एक जानकारी के मुताबिक लखबीर सिंह किसी 'अनजान' व्यक्ति से बातचीत करने के लिए अपनी बहन राजकौर के मोबाइल का इस्तेमाल करता था। हालांकि राजकौर का कहना है कि लखबीर बातचीत के लिए ज्यादातर किसी अन्य फोन का इस्तेमाल करता था।

पंजाब सरकार की तीन सदस्यीय एसआईटी के सदस्य, तरनतारन के एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार जांच का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एसआईटी लखबीर सिंह के सिंधु बॉर्डर तक पहुंचने की जानकारी इकट्ठा करनी शुरू कर दी है। पता लगाया जा रहा है कि वह कैसे और किसके साथ सिंधु बॉर्डर पहुंचा। एसआईटी की अगुवाई आईजी वीरेंद्र कुमार कर रहे हैं। इसके तीसरे सदस्य फिरोजपुर रेंज के डीआईजी इंदरबीर सिंह हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा भी अपने तौर पर समूचे घटनाक्रम की जांच कर रहा है। चीमा कलां में मौजूद मोर्चा के वरिष्ठ नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने बताया कि उनकी जांच के मुख्य केंद्र में लखबीर सिंह का अतीत और कमजोर आर्थिक हालत के बावजूद उसका दिल्ली और सिंधु बॉर्डर तक जाना है।


हरियाणा की सोनीपत पुलिस भी चीमा कलां में पड़ाव डाले हुए है। सिंधु बॉर्डर पर बेरहमी से कत्ल हुए लखबीर सिंह की बहन राजकौर का कहना है कि वह मरने से करीब हफ्ता-दस दिन पहले ही किन्हीं 'बाहरी व्यक्तियों' के संपर्क में आया था। उनके घर की हालत इतनी बदहाल है कि कोई व्यक्ति रात भी नहीं गुजार सकता। राजकौर का कहना है कि घर से जाते हुए लखबीर उससे 50 रुपए लेकर गया था। यह कहकर कि उसे कहीं जाने का किराया चाहिए। कुछ दिन बाद में उसकी हत्या की खबर ही आई! निहंगों के हाथों मारे गए लखबीर सिंह की हत्या के पीछे उसकी बहन बड़ी साजिश देखती है।

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Published: 23 Oct 2021, 3:55 PM