AI का इस्तेमाल करके किया जा रहा एक बड़ा घोटाला है SIR.. ममता बनर्जी का बड़ा आरोप
ममता ने कहा कि राज्य के लोग बीजेपी को पश्चिम बंगाल में सत्ता में नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव नजदीक आते ही ‘सोनार बांग्ला’ बनाने का वादा करती है, लेकिन हकीकत में जिन राज्यों में वह सत्ता में है वहां बांग्ला बोलने वालों की पिटाई की जाती है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) कृत्रिम मेधा (एआई) की मदद से किया जा रहा एक बड़ा घोटाला है। ममता ने कहा कि यदि मतदाता सूची से एक भी वैध मतदाता का नाम हटाया गया तो तृणमूल कांग्रेस दिल्ली में निर्वाचन आयोग के कार्यालय का घेराव करेगी।
ममता बनर्जी ने बांकुड़ा जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एसआईआर के नाम पर राज्य के लोगों को प्रताड़ित’’ किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘एसआईआर के कारण करीब 60 लोगों की मौत हो गई। बुजुर्गों को दस्तावेज सत्यापन की सुनवाई के लिए बुलाया जा रहा है।अगर एक भी वैध मतदाता का नाम हटाया गया तो तृणमूल कांग्रेस दिल्ली में निर्वाचन आयोग के कार्यालय का घेराव करेगी।’’
ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के लोग इस तरह के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘लोग बीजेपी को पश्चिम बंगाल में सत्ता में नहीं आने देंगे।’’ बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनाव नजदीक आते ही ‘सोनार बांग्ला’ बनाने का वादा करती है, लेकिन हकीकत में जिन राज्यों में वह सत्ता में है वहां बांग्ला बोलने वालों की पिटाई की जाती है।
टीएमसी प्रमुख ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने एसआईआर प्रक्रिया के लिए दिल्ली स्थित निर्वाचन आयोग के कार्यालय में अपने सदस्यों को तैनात किया है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कथित तौर पर एआई का इस्तेमाल करके 54 लाख नाम हटा दिए हैं और इन कार्यों का झूठा आरोप ईआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) पर लगाया है। ईआरओ एसोसिएशन ने पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि उन्होंने यह काम नहीं किया है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर किसी का उपनाम सिंह है और उसे अंग्रेजी में सिन्हा लिखा जाता है, तो नाम हटा दिया जाता है। लोगों को ऐसी ही बेतुकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अगर आपका नाम हटा दिया गया है, तो फॉर्म 7 और 8 भरें। यह आपका अधिकार है। हार मत मानिए।’’
ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस सांसद काकोली घोष दस्तीदार के बेटे को एसआईआर सुनवाई के लिए बुलाए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने एसआईआर सुनवाई के दौरान टीएमसी के बूथ-स्तरीय एजेंटों को अनुमति न दिए जाने पर भी निर्वाचन आयोग की आलोचना की। उन्होंने पूछा, ‘‘यह फैसला किस कानून के तहत लिया जा रहा है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें लिखित दिशानिर्देश दीजिए। वे सिर्फ व्हाट्सएप संदेश भेज रहे हैं। व्हाट्सएप का कोई महत्व नहीं है। मैं न्याय पाने के लिए अदालत का रुख करूंगी।’’
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